कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए सबसे ज्यादा विश्वसनीय माना जाने वाले आरटी-पीसीआर टेस्ट में काफी समय लगता है. टेस्ट कराने वालों को रिपोर्ट के लिए कम से कम 20 घंटे से एक दिन का इंतजार करना पड़ता है. इस दौर में मेडिकल इंफ्रा पर बोझ इतना है कि दिल्ली जैसे कई इलाकों में टेस्टिंग के लिए स्लॉट नहीं मिल पा रहे हैं. वहीं छोटे शहरों में RT-PCR टेस्ट के लिए ज्यादा लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ रहा है. ये ना सिर्फ मरीज के लिए नुकसानदेह है बल्कि उनके संपर्क में आने वाले लोगों के लिए भी. ऐसे में टेस्टिंग बढ़ाने और जल्द से जल्द रिपोर्ट देने में CB-NAAT टेस्ट कारगर हो रहा है.
CB-NAAT का मतलब है काट्रिज बेस्ड न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट. ये RT-PCR टेस्ट से ज्यादा जल्दी नतीजे देता है और इसके लिए सैंपल कलेक्शन की प्रक्रिया भी RT-PCR जैसी ही है. इस टेस्ट के लिए भी नाक और मुंह से स्वैब लिया जाता है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोना टेस्टिंग के लिए CB-NAAT को मंजूरी दी हुई है. इससे जुड़ी गाइडलाइंस ICMR ने अक्टूबर 2020 में ही जारी किए थे. ये टेस्ट पहले ही टीबी की पुष्टि के लिए इस्तेमाल किए जाते थे. टीबी की रोकथाम और टेस्टिंग के लिए सरकार ने इस मशीन को कई दूर-दराज के इलाकों में भी मुहैया कराई थी.
जहां RT-PCR टेस्ट में एक दिन तक का समय लगता ही है तो वहीं CB-NAAT के नतीजे आधे घंटे से 45 मिनट में आ जाते हैं. इससे ना सिर्फ मरीज को जल्दी मदद मिलेगी बल्कि उनके संपर्क में आए लोग भी आइसोलेशन में जा सकेंगे जिससे वायरस की चेन तोड़ी जा सकेगी.
RT-PCR टेस्ट में फायदा ये है कि इसमें CB-NAAT के मुकाबले एक बार में ज्यादा टेस्ट किए जा सकते हैं. इस मशीन में एक बार में सिर्फ 1 से 4 सैंपल की जांच हो सकती है. वहीं RT-PCR टेस्ट ज्यादा बड़ी संख्या में किया जा सकता है. RT-PCR टेस्ट में वायरस के RNA को डिटेक्ट करता है जिसे शरीर में एंटीबॉडी और लक्षण शुरू होने से पहले शुरुआती दौर में भी कारगर पाया गया है.
CB-NAAT और TrueNAT के नतीजे जल्दी आते हैं, मशीनरी आसानी से उपलब्ध है. लेकिन इन दोनों टेस्ट के लिए 3 हजार रुपये से 4 हजार रुपये लग सकता है. वहीं RT-PCR टेस्ट ज्यादा किफायती है. RT-PCR टेस्ट 1200 से 2000 रुपये का चार्ज लगता है. यही वजह है कि RT-PCR को लोग ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं.
कई रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं जहां कोरोना वायरस संक्रमण होने पर भी RT-PCR टेस्ट निगेटिव आ रहे हैं. ऐसे में लक्षण होने पर लोगों दोबारा टेस्ट कराना पड़ रहा है या फिर सीटी स्कैन कराना पड़ रहा है. इस स्थिति में कोरोना है या नहीं ये तय करने के लिए CB-NAAT टेस्ट का सहारा ले सकते हैं. लेकिन महाजन इमेजिंग के डॉ हर्ष महाजन का कहना है कि RT-PCR टेस्ट से कोई वायरस वेरिएंट नहीं बच सकता. हालांकि उनका कहना है कि इमरजेंसी स्थितियों में इन नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकता है ताकि जल्द से जल्द रिजल्ट पाया जा सके.
केंद्र सरकार की ओर से निर्देश है कि राज्यों में ज्यादा से ज्यादा RT-PCR टेस्ट हों. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक के बाद कहा था राज्यों को कम से कम 70 फीसदी RT-PCR टेस्ट कराने चाहिए. दरअसल ये बयान बढ़ते रैपिड एंटीजन टेस्ट को लेकर कहा गया था. कई राज्यों में CB-NAAT की मशीनरी उपलब्ध है और टेस्टिंग में इसका इस्तेमाल भी किया जा रहा है.
महाजन इमेजिंग के डॉ हर्ष महाजन के साथ पूरी चर्चा यहां देखें –
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।