केन्द्र सरकार ने म्युकोरमाइकोसिस (Black Fungus) के उपचार के लिए फंगल रोधी दवाई एम्फोटेरीसीन-बी की बढ़ती मांग के बीच इस दवा का उत्पादन बढ़ा दिया है. इस फैसले से म्युकोरमाइकोसिस (Black Fungus) के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी. आपको बता दें, म्युकोरमाइकोसिस को ब्लैक फंगस (Black Fungus) के नाम से भी जाना जाता है. इससे ज्यादातर मधुमेह रोगी प्रभावित होते हैं, लेकिन वर्तमान में कोरोना (Corona) संक्रमित रोगियों के ठीक होने के बाद उनमें यह रोग पाया जा रहा है.
सरकार ने निर्माताओं से की इस संबंध में बातचीत
रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस दवाई की आवश्यकता और आपूर्ति की समीक्षा की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने एम्फोटेरीसीन-बी के घरेलू उत्पादन और आयात को बढ़ाने के लिए विनिर्माताओं के साथ रणनीति बनाई है. उन्होंने आगे कहा कि इस दवा की आपूर्ति राज्यों को पहले से कई गुणा बढ़ाई गई है.
Reviewed requirement and supply position of #AmphotericinB which cures Mucormycosis. We have chalked out a strategy with manufacturers to ramp up domestic production as well as to import the drug from all over the world. (1/3)
— Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) May 18, 2021
राज्य करें विवेकपूर्ण इस्तेमाल
केन्द्रीय मंत्री मंडाविया ने कहा कि दवा के वितरण और आपूर्ति के प्रबंधन की सक्षम प्रणाली तैयार की गई है और इसके भंडारण की समस्या भी जल्द से जल्द दूर कर दी जाएगी. उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए इस दवा का उपयुक्त इस्तेमाल किया जाए.
ब्लैक फंगस होने का क्या है कारण
आपको बता दें, हाल ही में केंद्र सरकार ने कोविड (Corona) मरीजों में फंगल संक्रमण (Black Fungus) के प्रबंधन के बारे में परामर्श जारी किया है. परामर्श में कहा गया है कि फंगल संक्रमण म्युकोरमाइकोसिस मुख्य रूप से उन लोगों को होता है, जो कोविड का उपचार करा रहे हैं और बीमारियों से लड़ने की उनकी क्षमता कम हो गई है.
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना (Corona) मरीजों के इलाज में स्टेरॉयड का इस्तेमाल पहले से ही उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली मतलब इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप ब्लैक फंगस होती है.