Black Fungus: कोरोना वायरस के साथ ही इन दिनों कुछ लोगों में एक और बीमारी का असर देखने को मिल रहा है. वह है ब्लैक फंगस (Black Fungus). देश के कई राज्यों में ब्लैक फंगस के केस सामने आए हैं.
हालांकि, यह संक्रमण शुगर के मरीजों में अधिक देखा जा रहा है. इसी को लेकर दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया और मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं.
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कहा कि ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. ब्लैक फंगस से बचाव के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को मधुमेह है उन्हें इसे नियंत्रित रखना चाहिए. डॉक्टरों की सलाह पर ही स्टेरॉयड दिया जाना चाहिए साथ ही स्टेरॉयड की हल्की व मध्यम डोज ही मरीज को देनी चाहिए.
There has been an increasing trend in the fungal infection in COVID patients which was also reported to some extent during SARS outbreak.
Uncontrolled diabetes with COVID can also predispose to the development of Mucormycosis, says AIIMS Director Dr Guleria on Black fungus. pic.twitter.com/kZyEwbVJBB
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) May 21, 2021
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में स्टेरॉयड इंजेक्शन की खपत बढ़ी है. इन दिनों देखा जा रहा है कि मरीजों की जान बचाने के लिए डॉक्टर इस इंजेक्शन का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्टेरॉयड इंजेक्शन देने के बाद ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ने का खतरा अधिक रहता है.
उन्होंने म्यूकर-माइकोसिस के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि यदि कोई लंबे समय से स्टेरॉयड ले रहा है, तो मधुमेह जैसी समस्या आ सकती है. ऐसे में फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
इस बीमारी में म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस अधिक सामान्य है. एस्परगिलोसिस जैसे फंगल संक्रमण भी हो सकता हैं. इसलिए स्टेरॉयड लेते हैं तो ब्लड शुगर चेक करते रहना चाहिए.
वहीं, ब्लैक फंगस के लक्षणों के बारे में मेदांता के चेयरमैन नरेश त्रेहन ने बताया कि इसके लक्षणों में नाक में दर्द / जकड़न, गाल पर सूजन, मुंह के अंदर फंगस पैच, आंख की पलक में सूजन, आंख में दर्द या रोशनी कम होना, चेहरे के किसी भाग पर सूजन आदि शामिल हैं.
अगर ऐसे लक्षण आते हैं, तो तुरंत चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस को नियंत्रित करने का एक ही रास्ता है, स्टेरॉयड का विवेकपूर्ण उपयोग और मधुमेह का नियंत्रण.
इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि ब्लैक फंगस खासकर मिट्टी में मिलता है, जो लोग स्वस्थ होते हैं उन पर ये हमला नहीं कर सकता है.
The first symptoms of COVID-associated Mucormycosis are pain/stuffiness in the nose, inflammation on cheek, fungus patch inside the mouth, swelling in the eyelid etc. It requires aggressive medical treatment, says Dr. Naresh Trehan, Chairman, Medanta on Black fungus.
(File Pic) pic.twitter.com/9XB7Hzagem
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इसके साथ ही नरेश त्रेहन ने बताया कि अक्सर यह भी नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है. इसके बाद यह आंख तक पहुंचती है और तीसरे चरण में यह दिमाग पर अटैक करता है.
इसके इलाज के लिए चार से छह हफ्ते तक दवाइयां लेनी पड़ती हैं. हालांकि कई गंभीर मामलों में तीन-तीन महीने तक इलाज चल सकता है.
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