देश में कोविड काल में भारतीय सशस्त्र बल न केवल ऑक्सीजन और चिकित्सा सामग्री की जरूरतों को पूरा करने में लगे हैं, बल्कि सैन्य बलों ने उन ग्रामीण क्षेत्रों की भी पहचान की है जिन्हें मौजूदा हालातों में ज्यादा सहायता की आवश्यकता है. इसी के साथ देश की तीनों सेनाओं ने कोविड की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी भी अभी से तेज कर दी है. नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने अपनी इकाइयों से गांवों को गोद लेने का आह्वान किया है. नौसेना प्रमुख ने गांवों को गोद लेकर मदद करने का किया आह्वान नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा है कि भारतीय नौसेना विभिन्न राज्यों में कोरोना संकट से निपटने में नागरिक प्राधिकरणों की मदद कर रही है. भारतीय नौसेना कर्मियों और पूर्व कर्मियों को अपने संदेश में एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा है कि यह संकट आजादी के बाद देश के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है. कोविड संक्रमण अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैल रहा है और नौसेना इकाइयों को इन गांवों को गोद लेकर जरूरी मदद करनी चाहिए. दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सा सामग्री पहुंचा रही सेना भारतीय वायुसेना और नौसेना विदेशों से बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स, जनरेटर, सिलेंडर और चिकित्सा सामग्री की खरीद करके भारत ला रही हैं. इसके बाद इन सामग्रियों को देश के प्रमुख शहरों तक पहुंचाने में वायुसेना के विमानों को लगाया गया है. चिकित्सा सामग्री उन ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाई जा रही है, जहां कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए पर्याप्त नागरिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी है. इसी के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अस्पताल स्थापित करने और संचालित करने के लिए सेना के स्थानीय कमांडरों की आपातकालीन वित्तीय शक्तियों को बढ़ा दिया है, जिसका उपयोग सेनाएं अपनी जरूरतों के हिसाब से कर रही हैं. इन राज्यों में सेना ने बनाए कोविड अस्पताल सेना ने श्रीनगर में 250 बेड, जम्मू के पास दमाना में 200 बेड, उड़ी और बारामूला में 20 बेड के अस्पताल शामिल हैं. सेना ने दिल्ली, अहमदाबाद और लखनऊ के बाद वाराणसी में पूरी तरह से ऑक्सीजन युक्त 750 बेड का कोविड अस्पताल का संचालन किया है, जिसमें 250 आईसीयू बेड भी हैं. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के सहयोग से खोले गए इस कोविड अस्पताल में भारतीय सेना के चयनित विशेषज्ञ, डॉक्टर, नर्सिंग और मेडिकल स्टाफ को देश भर से भेजा गया है. देश भर में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सेना युद्ध के समय की आकस्मिकताओं का उपयोग कर रही है जिसमें अस्पतालों की स्थापना भी शामिल है. 2 फील्ड अस्पतालों को पहुंचाया गया पटना इतना ही नहीं बिहार में बढ़ते कोविड केसों को देखते हुए भारतीय सेना ने नॉर्थ ईस्ट के 2 फील्ड अस्पतालों को हवाई जहाज से पटना पहुंचाया. इनमें चिकित्सा विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग और सहायक कर्मचारी हैं जो 100 आईसीयू बेड सहित ईएसआई, पटना में 500 बेड वाले अस्पताल की स्थापना में सहयोग दे रहे हैं. अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की ताकत बढ़ाने के लिए अतिरिक्त विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ प्रशिक्षित इन्फैंट्री बैटलफील्ड नर्सिंग असिस्टेंट को भी हवाई मार्ग से भेजा गया है. दिल्ली में भी परीक्षण, सैन्य अस्पतालों में प्रवेश और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों के परिवहन आदि के रूप में नागरिक प्रशासन को सहायता पहले से ही प्रदान की जा रही है. सैन्य बल उन आवश्यक वस्तुओं की खरीद कर रहे हैं जिन्हें ग्रामीण क्षेत्रों या कठिन इलाकों में जल्दी से तैनात किया जा सकता है. वायुसेना 24 घंटे काम में जुटी भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना भी नागरिक प्रशासन को ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए चौबीसों घंटे काम में जुटी हुई हैं. 12 मई तक भारतीय वायुसेना के विमानों ने 163 मीट्रिक टन क्षमता के उपकरणों के साथ 6,856 मीट्रिक टन क्षमता के 403 ऑक्सीजन कंटेनर्स एयरलिफ्ट किए हैं. वायु सेना ने अब तक जामनगर, भोपाल, चंडीगढ़, पानागढ, इंदौर, रांची, आगरा, जोधपुर, बेगमपेट, भुबनेश्वर, पुणे, सूरत, रायपुर, उदयपुर, मुंबई, लखनऊ, नागपुर, ग्वालियर, विजयवाड़ा, बड़ौदा, दीमापुर और हिंडन तक चिकित्सा सामग्री पहुंचाई है. भारतीय वायुसेना के विमान अब तक 98 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भरकर 793 मीट्रिक टन क्षमता के 95 कंटेनर और 204 मीट्रिक टन क्षमता के अन्य उपकरण विदेशों से भारत लाए हैं. यह उपकरण सिंगापुर, दुबई, थाईलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, इंडोनेशिया, नीदरलैंड, ब्रिटेन, इजरायल और फ्रांस से लाए गए हैं. समुद्र सेतु-II के तहत आक्सीजन लेकर आई नौसेना भारतीय नौसेना के सात जहाज समुद्र सेतु-II’ अभियान के हिस्से के रूप में सिंगापुर, दोहा, कतर, कुवैत, बहरीन से विभिन्न राज्यों को सीधे आपूर्ति के लिए 13 कंटेनरों से 260 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) लेकर आए हैं. आईएनएस जलाश्व इस समय ब्रुनेई में और आईएनएस शार्दुल कुवैत में है. यह दोनों जहाज तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन क्रायोजेनिक कंटेनर, ऑक्सीजन सिलिंडर और अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा सामग्री लेकर भारत लौटेंगे. नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने नौसेना कर्मियों और पूर्व सैनिकों को दिए अपने संदेश में कहा कि हमारे राष्ट्र को अपने सशस्त्र बलों में बहुत विश्वास है और यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने नागरिकों की उम्मीदों पर खरा उतरें. कोविड के इस संकट के समय हमारी नौसेना इकाइयों को गांवों को अपनाकर उनकी सहायता करनी चाहिए. (इनपुट-हिन्दुस्थान समाचार)