पहले ऑक्सीजन, बेड और वेंटीलेटर की जानकारी और आपूर्ति के लिए लोगों ने सोशल मीडिया का साहारा लिया, और अब प्लाजमा डोनर्स के लिए भी सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई जा रही है. अब सरकार की तैयारी है कि आरोग्य सेतु ऐप (Aarogya Setu App) के जरिए प्लाज्मा डोनर्स की डाटाबेस भी बनाया जाए.
कोविड की लड़ाई में अब तक कॉन्टेक्ट ट्रेंसिंग और अब वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन में भी काम आ रहा ऐप आरोग्य सेतु जल्द ही प्लाज्मा डोनर्स की भी जानकारी दे सकता है. फिलहाल कोविन वेबसाइट के अलावा आरोग्य सेतु और उमंग ऐप के जरिए वैक्सीनेशन स्लॉट की जानकारी और अपॉइंटमेंट बुकिंग की जा रही है.
पिछले हफ्ते आरोग्य सेतु ऐप (Aarogya Setu App) ने सेल्फ-असेसमेंट में बदलाव करते हुए कुछ और जानकारियां मांगनी शुरू की हैं. अब लोगों से ये भी पूछा जा रहा है कि उनके टीकाकरण का स्टेटस क्या है और क्या वे प्लाज्मा दान करने के इच्छुक हैं या नहीं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक ये जानकारी फिर स्थानीय अधिकारियों और प्रशासन को मुहैया कराई जाएगी जिससे जब प्लाज्मा की जरूरत हो तो इनसे संपर्क किया जा सके.
बिजनेस अखबार इकोनॉमिक टाइम्स को दिए बयान में एक अधिकारी ने बताया है कि तकरीबन 20 से 25 लाख लोगों को रोजाना वैक्सीन लगाई जा रही है और नया मॉड्यूल इस तरह बनाया जा रहा है ताकि ऐसे लोगों की जानकारी हासिल की जा सके जिन्हें कोविड-19 रोधी दोनों डोज लगाने के बावजूद संक्रमण हो गया, और क्या उन्हें कोई साइड इफेक्ट हुआ है.
प्लाज्मा थेरेपी
कोविड-19 रोगियों को जल्द स्वस्थ करने के लिए उन्हें प्लाज्मा थेरेपी दी जा रही है. प्लाज्मा थेरेपी के जरिए मरीज को एंटीबॉडी दी जाती है जिससे वे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ सकें और जल्दी स्वस्थ हो जाएं. इसके लिए जो लोग कोविड-19 संक्रमण के बाद स्वस्थ हो चुके हैं वे प्लाज्मा दान दे सकते हैं. प्लाज्मा खून का वो हिस्सा है जो रेड ब्लड सेल और वाइट ब्लड सेल हटा देने के बाद बचता है. खून का 55 फीसदी हिस्सा प्लाज्मा होता है.