सोयाबीन डीओसी के निर्यात दाम कम होने के कारण दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सोयाबीन तिलहन के दाम में आई गिरावट को छोड़कर बाकी सभी तेल-तिलहनों की कीमतों में तेजी आई. आयातित खाद्य तेल विशेषकर सोयाबीन डीगम की कम आपूर्ति के बीच आयातित खाद्य तेलों के दाम मजबूत होने से बाकी सभी तेल-तिलहन कीमतों पर इसका असर दिखा और अधिकांश खाद्य तेल-तिलहनों के भाव सुधार दर्शाते बंद हुए.
बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन फसल में 82 प्रतिशत के लगभग डी-आयल्ड केक (डीओसी) निकलता है. सोयाबीन बोने वाले किसानों के लिए सोयाबीन की बुवाई करने में सर्वाधिक महत्व डीओसी का होता है जिसके निर्यात से उनकी अतिरिक्त कमाई होती है. विदेशों में बाजार टूटने से डीओसी का दाम नीचा होने के कारण पेराई मिलों को डीओसी बेचने में नुकसान है. यह सोयाबीन तिलहन में गिरावट का यह मुख्य कारण है.
उन्होंने कहा कि देश में सोयाबीन डीगम की कम आपूर्ति के बीच बंदरगाहों पर यह तेल 10 प्रतिशत प्रीमियम दाम के साथ बेचा जा रहा है. इस कारण सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार आया.
सूत्रों ने कहा कि पिछले सप्ताह कच्चे पामतेल (सीपीओ) का दाम 950 डॉलर से बढ़कर 965-970 डॉलर प्रति टन हो गया. जिसकी वजह से पाम एवं पामोलीन तेल के दाम भी मजबूती दर्शाते बंद हुए.
उन्होंने कहा कि जहां पाम पामोलीन का दाम 965-970 डॉलर प्रति टन हो गया है, वहीं सूरजमुखी जैसे सॉफ्ट तेल का दाम 930-935 डॉलर प्रति टन है. थोक बाजार में पामोलीन से सोयाबीन और सूरजमुखी 4-5 रुपए लीटर सस्ता बैठता है, मगर खुदरा में सोयाबीन और सूरजमुखी तेल 20-40 रुपए लीटर ऊंचा बिक रहा है.
सूत्रों ने कहा कि इस मौसम में सरसों की आवक बढ़ने के बजाय घट गई. शुक्रवार को सरसों की आवक लगभग आठ लाख बोरी की थी जो शनिवार को घटकर लगभग सवा सात लाख बोरी रह गई. कम आपूर्ति के कारण आमतौर पर खाद्य तेलों के दाम मजबूत रहने से सरसों में भी मामूली सुधार है. वैसे खुदरा बाजार में यह नये एमएसपी से लगभग 12-14 प्रतिशत नीचे दाम पर ही खरीदा जा रहा है और मजबूत किसान अपनी फसल रोक रहे हैं, क्योंकि वे कम दाम पर बिकवाली को राजी नहीं हैं.
पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 115 रुपए की तेजी के साथ 5,350-5,390 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ. सरसों दादरी तेल का भाव 325 रुपए बढ़कर 10,125 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ. सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 50-50 रुपए की तेजी के साथ क्रमश: 1,720-1,820 रुपए और 1,720-1,825 रुपए टिन (15 किलो) पर बंद हुआ.
समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज का भाव क्रमश: 55-55 रुपए की गिरावट के साथ क्रमश: 4,590-4,610 रुपए प्रति क्विंटल और 4,390-4,430 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ.
इसके उलट सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल का भाव क्रमश: 375 रुपए, 325 रुपए और 200 रुपए की तेजी के साथ क्रमश: 10,475 रुपए और 10,025 रुपए और 8,800 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ.
आयातित खाद्य तेलों की कम आपूर्ति के बीच समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तिलहन के दाम 50 रुपए की तेजी के साथ 6,075-6,350 रुपए क्विंटल पर बंद हुए. मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल के भाव भी क्रमश: 150 रुपए और 30 रुपए की तेजी के साथ क्रमश: 14,850 रुपए क्विंटल और 2,225-2,500 रुपए प्रति टिन पर बंद हुए.
सोयाबीन डीगम की कम आपूर्ति के बीच सीपीओ की मांग निकलने से समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चा पाम तेल (सीपीओ) 250 रुपए की मजबूती के साथ 8,600 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ. पामोलीन दिल्ली का भाव 275 रुपए के बढ़त के साथ 9,825 रुपए प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 175 रुपए की तेजी के साथ 8,825 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ.
सुधार के आम रुख के अनुरूप बिनौला तेल भी 550 रुपए बढ़कर 9,150 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ.
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