Scrappage Policy: कोरोना संकट में लोगों ने सबसे ज्यादा जरूरत महसूस की है अपने पर्सनल व्हीकल की. जब पब्लिक ट्रांसपोर्ट ठप रहा तो अपनी गाड़ी का ही सहारा रहा. ऑटो सेक्टर को बूस्ट करने और प्रदूषण नियंत्रित रखने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में वॉलेंट्री स्क्रैपेज पॉलिसी के प्रस्ताव दिया है. वॉलेंट्री यानि आप अपनी स्वेच्छा से पुरानी गाड़ी को स्क्रैपेज के लिए दे पाएंगे. हालांकि अभी इसके लिए अभी प्राइस तय नहीं किए गए हैं.
20 साल पुरानी पर्सनल गाड़ी का फिटनेस टेस्ट किया जाएगा, वहीं कमर्शियल गाड़ियों के लिए ये 15 साल पर होगा. सरकार इसके लिए ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर बनाएगी. इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट भी स्क्रैपेज पॉलिसी से खुश हैं.
मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन शशांक श्रिवास्तव के मुताबिक सरकार का स्क्रैपेज पॉलिसी (Scrappage Policy) का ये कदम डिमांड बढ़ाने में मददगार रहेगा हालांकि पूरी सफाई के लिए उन्हें स्कीम की बारिकियां को इंतजार है. शशांक श्रिवास्तव का कहना है कि सरकार ई-व्हीकल को बढ़ावा दे रही है, नए एमिशन नॉर्मस पर स्विच कर रही है और प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए भी कदम उठा रही है. स्क्रैपेज पॉलिसी भी उसी में शामिल है. पुरानी गाड़ियों के सिस्टम से बाहर होने पर डिमांड बढ़ने की उम्मीद है.
ऑटो एक्सपर्ट टूटू धवन की माने तो स्क्रैपेज पॉलिसी (Scrappage Policy) स्कीम युवाओं के लिए ज्यादा फायदेमंद रहेगी जो नई गाड़ियां खरीदना चाहते हैं. जबकि सीनियर सिटिजिन जो अपनी पूंजी पर निर्भर हैं वे अपनी पुरानी गाड़ी बेचने के पक्ष में नहीं होंगे.
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