अगर पिछले कुछ सालों के डेटा को अगर देखा जाए तो ऑटो सेक्टर में लगातार गिरावट आई है. हालांकि, कोरोना काल के बाद से इस सेक्टर में थोड़ा सुधार हुआ है. अगर वाहन निर्माता कंपनियों के तीसरी तिमाही के बिक्री के रिकॉर्ड को देखा जाए तो इसमें काफी इजाफा हुआ है. लेकिन अब ऑटो सेक्टर की निगाहें इस बार के आम बजट पर टिकी हुई हैं. ऑटो इंडस्ट्री ने सरकार से इस बजट (Budget expectations) में कुछ संशोधन करने की मांग की है.
ऑटो सेक्टर में मांग को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों ने GST दर को कम करने की मांग की है. कंपनियों का मानना है कि GST घटने से वाहनों की कीमतों में कमी देखने को मिलेगी, जिससे वाहन खरीदने की तरफ लोगों की दिलचस्पी बढ़ सकती है. साथ ही विदेशी कार निर्माता कंपनियां भी बजट 2021 से उम्मीद लगाए हुए हैं और इन कंपनियों ने इंपोर्ट ड्यूटी घटाने की मांग की है, जिससे विदेशी कारों को भारत में सस्ते दाम में बेचा जा सके. ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बजट (Budget expectations) में कंपनियों की डिमांड को ध्यान में रखते हुए कुछ राहत देने वाले फैसले ले सकती है.
इनपुट टैक्स क्रेडिट के ऐलान की उम्मीद फिलहाल, बिजनेस के उद्देश्य से खरीदे हुए वाहन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं मिलता. ऐसे में अगर बजट में टैक्स क्रेडिट की सुविधा का ऐलान कर दिया जाता है तो ऑटो सेक्टर में मांग बढ़ सकती है. वहीं, इस फैसले से बिक्री और आमदनी दोनों बढ़ेगी और सरकार के राजस्व में भी कोई नुकसान नहीं होगा.
इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर हो सकता है बड़ा ऐलान सरकार ने 2030 तक ऑटोमोबाइल सेक्टर में इलेक्ट्रिक वाहनों के सेल को 30 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग, अनुसंधान और डेवलपमेंट में एक मॉडल को अपनाने के साथ ही एक व्यापक योजना बनाने की जरूरत है. इलेक्ट्रिक वाहन बाजार की बड़ी कंपनियों को केंद्रीय बजट 2021-22 में बड़ी घोषणाओं की उम्मीद है इनमें सबसे प्रमुख चार्जिंग स्टेशन और इंफ्रास्क्ट्रचर की स्थापना के लिए कोष बनाना प्रमुख है. आपको बता दें कि 2020 में सरकार ने हाईब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया था.
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