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ग्लोबल मार्केट में चावल की सप्लाई अभी कम है जबकि मांग उससे ज्यादा बनी हुई है.
GST और जुर्माने को मिलाकर कुल मांग 6.22 करोड़ रुपये का है.
सरकारी प्रोत्साहनों ने भी इस वृद्धि को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
2023-24 के दौरान उत्पादन में मामूली 4 फीसद की बढ़ोतरी की वजह से सरकार के द्वारा तय किया गया उत्पादन का लक्ष्य हासिल हो सकता है.
जनवरी से नवंबर तक देश का इस्पात उत्पादन 12.1 प्रतिशत सालाना वृद्धि के साथ 12.82 करोड़ टन
विदेशी निवेशकों ने अगस्त और सितंबर के महीनों में 39,300 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की थी.
अमेज़न प्राइम मेंबरशिप अलग-अलग विकल्प के साथ उपलब्ध है.
नोटिफिकेशन के मुताबिक मार्च 2025 तक खाद्य तेल के इंपोर्ट पर न्यूनतम इंपोर्ट ड्यूटी जारी रहेगी.
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.92 फीसद की बढ़त के साथ 80.12 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.
देश के उत्तरी क्षेत्र में ‘पिंक बॉल वर्म’ कीट के संक्रमण के कारण उत्पादन में कमी का अनुमान है.