कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह समय अच्छा है. कोरोना की दूसरी लहर के चलते गुजरात का सेंकेंड हैंड कार मार्केट (Second Hand Car Market) धराशायी हो गया है. सेंकेंड हैंड कार मार्केट में 1.5 से तीन लाख रुपए तक की कीमत के मॉडल उपलब्ध कराए जा रहे हैं. अगर इतना कैश एकसाथ नहीं देना चाहते हैं, तो ईएमआई का भी विकल्प मुहैया कराया जा रहा है.
कोरोना का भय चारों ओर फैला हुआ है. पिछले साल जब कोरोना की भारत में एंट्री हुई थी तो उस समय सरकार को लॉकडाउन लगाना पड़ गया था. संक्रमण फैलने के भय से अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में अनलॉक के बाद से पब्लिक ट्रान्सपोर्ट के इस्तेमाल में कमी आई. इसका फायदा ऑटो सेक्टर को हुआ. अहमदाबाद में नई और पुरानी, दोनों ही कारों की खूब बिक्री हुई, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने माहौल को बदल दिया है.
गुजरात में कोरोना की वजह से वर्ष 2020 में अक्टूबर के बाद सेकेंड हैंड कार मार्केट (Second-hand car) में मांग में तेज गति देखने को मिली. पुरानी कारों की बिक्री में 20 प्रतिशत तक का उछाल देखने को मिला. लेकिन ऑटो सेक्टर की खुशी मार्च 2021 तक ही रही. अप्रैल से शुरू हुई कोविड की दूसरी लहर में सेकेंड हैंड कार मार्केट बह गया.
स्थानीय डीलरों के मुताबिक, कार बिक्री में 80 प्रतिशत का डाउनफॉल है. लोगों ने कार को लेकर पूछताछ भी काफी कम कर दी है. लोग शोरूम की भीड़भाड़ से दूर रहना चाहते हैं. कर्फ्यू की वजह से भी शोरूम जल्दी बंद हो जाते हैं.
दूसरी ओर कंज्यूमर्स के बारे में सोचें, तो अभी जो लोग पुरानी कार (Second-Hand car) खरीदना चाहते हैं, उनको कुछ सस्ते में कार मिल सकती है. ऑटो डीलर से मोलभाव करके कम कीमत में कार खरीदी जा सकती है.
अहमदाबाद में सेकेंड हैंड कार (Second-Hand car) बिक्री में बड़ा नाम रखने वाले जॉली मोटर्स के मैनेजर निशांत पुजारा ने मनी9 को बताया कि वर्ष 2019 की तुलना में 2020-21 में मार्च तक बिक्री में 10 प्रतिशत की बढ़ोकरी हुई है. प्रत्येक माह औसतन 400 लोगों की इंकवायरी आती थी. लेकिन इसमें इस साल अप्रैल से गिरावट आई है. उन्होंने बताया की ज्यादातर लोग 3 लाख या इससे कम बजट की कार की इंकवायरी करते हैं.
महिन्द्रा फर्स्ट चॉइस के डीलर रवि पटेल कहते हैं कि पिछले साल नवरात्रि और दिवाली से मार्केट खुला और इस साल जनवरी तक अच्छा रहा. लोग कोरोना के डर से कार खरीदने लगे. 2 से 3 लाख रुपए बजट तक की कार प्राथमिकता में रही. लेकिन अप्रैल से परिस्थिति बदली है. अब लोग 2 लाख से भी कम बजट में कार खरीदना चाहते हैं. वहीं, कार खरीदने के साथ ही बेचने वालों की संख्या भी काफी कम हो गई है. इसकी वजह से वाहनों का स्टॉक भी काफी कम है. यानी लोगों के लिए विकल्प भी काफी कम हैं.
मारुति सुजुकी ट्रू वैल्यू और कटारिया ऑटोमोबाइल के मैनेजर दीपक पटेल कहते हैं कि कोरोना के दूसरी लहर से कार मार्केट बिलकुल डाउन है. स्टाफ को छुट्टी दे दी है. पहले हर रोज 14-15 इंकवायरी आ रही थी और अब पूरे दिन में सिर्फ 2 ही इंकवायरी आ रही है. बिजनेस करीब 80 प्रतिशत कम है. सोशल मीडिया के माध्यम से कार की बिक्री बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. वो बताते है कि लोग पुरानी कारें भी ईएमआई (EMI) से खरीद रहे हैं. ज्यादातर कार 1.50 से 3 लाख के सेगमेन्ट की बिक रही है.
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