FASTags: सभी नेशनल हाईवे के लिए सरकार ने 15 फरवरी से फास्टैग अनिवार्य कर दिया है. सरकार ने साफ किया है कि अब फास्टैग के लिए तारीख आगे नहीं बढ़ाई जाएगी. अगर आपने अब तक अपनी गाड़ी पर फास्टैग नहीं लगाया तो भारी जुर्माना लगेगा – टोल पर तय रकम का दोगुना पेनाल्टी के तौर पर भरना होगा. सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए फास्टैग को अनिवार्य किया है हालांकि इससे पहले कई बार डेडलाइन को आगे बढ़ाया गया था. सरकार अब ऐसी किसी राहत देने के मूड में नहीं है.
अब टोल पर नकद भुगतान स्वीकार नहीं किया जाएगा. नए नियम के अनुसार अगर कोई भी वाहन जिसमें फास्टैग (FASTag) नहीं लगा हुआ है, या जिस वाहन में वैध, एक्टिव फास्टैग (FASTag) नहीं है, उसे शुल्क प्लाजा में प्रवेश करने पर उस श्रेणी के लिए निर्धारित शुल्क का दोगुना शुल्क के बराबर की राशि का भुगतान करना होगा.
क्या है एम और एन श्रेणी
श्रेणी एम का अर्थ, “यात्रियों को ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले कम से कम चार पहियों के साथ एक मोटर वाहन” है. श्रेणी एन का तात्पर्य है “एक मोटर वाहन जिसमें सामान ले जाने के लिए कम से कम चार पहिए हैं और जो सामान के अलावा व्यक्तियों को भी ले जा सकते हैं”.
बता दें कि देश में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अंतर्गत आने वाले करीब 515 टोल प्लाजा हैं. अगर कोई इन राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल प्लाजा से गुजरता है तो उसे फास्टैग अनिवार्य है. फास्टैग को लागू करने के बाद भारत उन देशों में शामिल हो गया है जहां आरएफआईडी या फास्टैग (FASTags) से टोल कलेक्शन एक तरह से अनिवार्य होता नजर आ रहा है. यूरोप, जापान, अमेरिका, कोरिया आदि देश में आरएफआईडी के माध्यम से टोल लिया जाता है.
अभी तक एक दिन में फास्टैग से 90 करोड़ का टोल
वहीं अभी तक जो प्रतिदिन टोल कलेक्शन हो रहा है फास्टैग के माध्यम से वह 90 करोड़ है. अभी जो कंप्यूटर से टोल प्लाजा से निकलता है उसमें 4 या 5 मिनट लगती है पूरी प्रक्रिया में. लेकिन फास्टैग (FASTags) के माध्यम से जब टोल दिया जाता है तो ये समय 1 मिनट से कम हो जाता है.
डिजिटल मोड से शुल्क भुगतान को बढ़ावा
इस बारे में जानकारी देते हुए सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि डिजिटल मोड के माध्यम से शुल्क भुगतान को बढ़ावा देने, समय और ईंधन की खपत को कम करने और शुल्क प्लाजा के माध्यम से यात्रियों को एक आसान और निर्बाध मार्ग प्रदान करने के लिए ऐसा किया गया है. मंत्रालय ने 1 जनवरी 2021 से प्रभावी होने के साथ मोटर वाहनों के एम एंड एन श्रेणियों में फास्टैग (FASTags) को फिट करने का आदेश दिया था.
वन नेशन वन टैक्स
इसके अलावा वन नेशन वन टैक्स की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. जैसे देश में नेशनल हाइ-वे टोल जरूरी है लेकिन कई राज्यों के भी टोल हैं और कई जगह प्राइवेट ऑपरेटर होते हैं, जहां फास्टैग लागू है, लेकिन अनिवार्य नहीं हैं. ऐसे में सरकार का फोकस है कि पूरे देश में वन नेशन वन टैक्स की दिशा में अनिवार्य करना है. अगर कोई फास्टैग (FASTags) लेना चाहता है तो फोन में प्ले स्टोर में जाकर माई फास्टैग ऐप को डाउनलोड करें वहां से कोई भी अपने घर मंगा सकते हैं.
फास्टैग कितने दिन तक चलेगा?
FASTags की वैधता फास्टैग के जारी होने की तारीख से लेकर अगले पांच साल तक की होती है. आपके रिचार्ज की कोई वैधता नहीं होती यानी अगर आपने रिचार्ज के बाद लंबे समय तक नेशनल हाईवे पर यात्रा नहीं की तो यह रिचार्ज फास्टैग की वैधता तक वैध रहेगा. साथ ही आपको बता दें कि फास्टैग वॉलेट में कोई मिनिमम बैलेंस का दिक्कत नहीं है, कम बैलेंस के साथ भी यात्रा कर सकते हैं.
सौजन्य: प्रसार भारती न्यूज सर्विस, टेलीग्राम से.
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