गैर बासमती सेला चावल की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है. बीते 10 दिन में गैर बासमती सेला चावल की आईआर 64 वैरायटी का भाव करीब 12 फीसद बढ़ चुका है. अफ्रीका और पश्चिम एशिया के देशों से भारत से इस वैरायटी की मांग में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. बता दें कि 20 जुलाई को गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के बाद से विदेशों से सेला चावल की मांग बढ़ी है. वैश्विक खरीदारों को लग रहा है कि भारत सेला चावल के निर्यात पर भी रोक लगा सकता है.
उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर सरकार गैर बासमती सेला चावल के निर्यात पर ड्यूटी नहीं लगाती है तो यह चावल भी आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएगा. बता दें कि आम आदमी आईआर 64 वैरायटी चावल का उपयोग अपने रोज के खाने में करता है. तिरुपति एग्रीट्रेड के सीईओ सूरज अग्रवाल का कहना है कि गैर बासमती रॉ सफेद चावल के निर्यात पर जब से रोक लगी है तब से अफ्रीका और मध्य पूर्व से सेला चावल की मांग में इजाफा देखने को मिल रही है.
चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है भारत
बता दें कि भारत 2012 के बाद से चावल का सबसे बड़ा निर्यातक रहा है. मौजूदा समय में 3 निर्यातक देशों थाईलैंड, वियतनाम और पाकिस्तान के कुल शिपमेंट से ज्यादा चावल का एक्सपोर्ट भारत अकेले करता है. राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट बी वी कृष्णा राव के मुताबिक धान की खरीद शुरू होने के बाद सरकार दिसंबर तक सप्लाई की स्थिति का आकलन कर सकती है और निर्यात पर लगी रोक को हटाने पर विचार कर सकती है. उनका कहना है कि फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के पास गोदामों को लेकर समस्याएं हैं और ऐसे में सरकार को कुछ कदम उठाने होंगे.
Published August 11, 2023, 13:47 IST
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