यूरोपीय संघ (EU) ने शनिवार को रूसी कच्चे तेल से बने परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों को भारत से मंगाने में हुई ”तेज” वृद्धि पर चिंता जताई. EU ने कहा कि यूरोपीय बाजारों में ऐसे उत्पादों की आवक बढ़ने से मॉस्को के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों का मकसद पूरा नहीं होगा. ये प्रतिबंध इसलिए लगाए गए हैं ताकि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को वित्त पोषित करने की रूस की क्षमता को कम किया जा सके.
यूरोपीय संघ के कार्यकारी उपाध्यक्ष और व्यापार आयुक्त वाल्डिस डोम्ब्रोव्स्की ने कहा कि रूसी कच्चे तेल बने परिष्कृत तेल उत्पाद ”बड़ी मात्रा” में यूरोपीय बाजार में आ रहे हैं और ईयू इससे निपटने के तरीकों पर विचार कर रहा है. इस समय भारत की यात्रा पर आए यूरोपीय संघ के उपाध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि यूक्रेन पर अपना हमला जारी रखने के लिए रूस ऊर्जा और खाद्य आपूर्ति को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है.
उन्होंने कहा कि रूस ने काला सागर अनाज पहल से हटकर विश्व बाजार में यूक्रेन के खाद्यान्न निर्यात को अवरुद्ध किया है. डोम्ब्रोव्स्की ने कहा, ”हम जानते हैं कि चीन और भारत सहित कई देश इन प्रतिबंधों में शामिल नहीं हुए हैं. हम जानते हैं कि रूस खोए हुए यूरोपीय बाजार के लिए सक्रिय रूप से वैकल्पिक बाजार की तलाश कर रहा है.”
उन्होंने कहा, ”हम युद्ध के वित्तपोषण के लिए रूस की क्षमता को कम करना चाहते हैं.” भारत के साथ यूरोपीय संघ के व्यापार संबंधों पर उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली के साथ आर्थिक जुड़ाव को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है.