रूस पूरी दुनिया को फिर से महंगाई की आग में झोंक सकता है. पूरी दुनिया को बड़ा झटका देते हुए. रूस ब्लैक सी ग्रेन डील से बाहर हो गया है. डील से रूस का बाहर होना पूरी दुनिया के लिए खाद्य संकट पैदा कर सकता है. सोमवार को जैसे ही रूस इस डील से बाहर हुआ. वैसे ही ग्लोबल मार्केट में गेहूं का भाव बढ़ना शुरू हो गया. सोमवार को ही ग्लोबल मार्केट में गेहूं का भाव 3 फीसद तक बढ़ गया था. गेहूं के साथ मक्का और सोयाबीन की कीमतों में भी तेजी देखने को मिली है.
दरअसल ब्लैक सी के रास्ते दुनियाभर में रूस और यूक्रेन के अनाज की सप्लाई होती है. लेकिन पिछले साल दोनों देशों में जब युद्ध छिड़ा तो ब्लैक सी के रास्ते अनाज सप्लाई रुक गई थी. बाद में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता के बाद ब्लैक सी ग्रेन डील हुई और अनाज की सप्लाई को बहाल करने के लिए रूस राजी हुआ. लेकिन अब रूस को लग रहा है कि इस डील की वजह से उसे युक्रेन युद्ध में किसी तरह का लाभ नहीं मिला है और वैश्विक समुदाय पर दबाव बनाने के लिए वह 17 जुलाई को ब्लैक सी ग्रेन डील से बाहर हो गया. डील को नए सिरे से मान्यता देने के लिए रूस ने कई शर्तें रखी हैं. रूस ने कहा है कि शर्तें पूरी होने पर वह डील में समझौते में फिर शामिल हो सकता है.
कई देशों में हो सकती है गेहूं की किल्लत
दुनियाभर में जितने गेहूं का एक्सपोर्ट होता है. उसकी लगभग एक तिहाई सप्लाई रूस और यूक्रेन से आती है. फसल वर्ष 2023-24 के दौरान दुनियाभर में कुल 21.43 करोड़ टन गेहूं एक्सपोर्ट का अनुमान है. जिसमें रूस से करीब पौने 5 करोड़ टन गेहूं की सप्लाई अनुमानित है और यूक्रेन से 1 करोड़ टन से ज्यादा गेहूं का एक्सपोर्ट होने का अनुमान है. इन दोनों देशों का अधिकतर गेहूं ब्लैक सी रूट से ही सप्लाई होता है और ब्लैक सी रूट से गेहूं की सप्लाई वाधित हुई. तो दुनिया के कई देशों में गेहूं की किल्लत हो जाएगी. अफ्रीका के कई गरीब देश इस गेहूं पर निर्भर हैं.
इस डील से रूस ऐसे समय पर बाहर हुआ है. जब दुनियाभर में अनाज का स्टॉक लगातार घट रहा है. वर्ष 2023-24 के दौरान गेहूं का वैश्विक एंडिंग स्टॉक घटकर 26.65 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो करीब 8 वर्षों में सबसे कम स्टॉक होगा. इसी तरह चावल का स्टॉक भी घटकर 17.04 करोड़ टन रहने का अनुमान है.
बढ़ने लगा गेहूं का भाव
पिछले साल जब रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ा था तो ग्लोबल मार्केट में गेहूं की कीमतें आसमान पर पहुंच गई थी. उस समय भारत में भी भाव 32 रुपए प्रति किलो की रिकॉर्ड ऊंचाई पर था. बाद में ब्लैक सी ग्रेन डील हुई और वैश्विक बाजार में गेहूं की कीमतें घटी. उसका असर भारतीय बाजार पर भी दिखा. अब ब्लैक सी ग्रेन डील से रूस के बाहर होने के बाद वैश्विक बाजार में गेहूं का भाव फिर से बढ़ने लगा है. इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ सकता है. फिलहाल भारतीय बाजार में गेहूं का भाव 25-26 रुपए प्रति किलो के बीच है. ग्रेन डील से रूस के बाहर होने पर संयुक्त राष्ट्र ने भी दुख जताया है. यूएन महासचिव एंतोनिओ गुटेरेश ने कहा कि इस घोषणा से, दुनिया में भूख और ऊँची खाद्य क़ीमतों की मार झेल रहे करोड़ों लोगों के लिए जीवनरेखा भी ख़त्म हो गई. हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि रूस मान जाएगा और इस व्यवस्था का हिस्सा बन जाएगा.
आगे क्या हो सकता है?
ब्लैक सी ग्रेन डील से रूस के बाहर होने के बाद आशंका है कि गेहूं के दाम बढ़ जाएंगे. इस आशंका को देखते हुए. रूस के सहयोगी देशों को राष्ट्रपति पुतिन से बात करने के लिए कहा गया है. तुर्कीए के राष्ट्रपति अर्दोआन जल्द रूस के राष्ट्रपति से बात कर उन्हें मनाने की कोशिश कर सकते हैं. यूएन समेत बाकी दुनिया के नेता भी चाहेंगे कि रूस इस समझौते में वापस आ जाए. लेकिन फिलहाल इस मामले पर रूस की दबंगई साफ नजर आ रही है.
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