बाजार में 200 और 500 रुपए के नोट का चलन बढ़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ छोटे नोट का सर्कुलेशन साल दर साल कम होता जा रहा है. आरबीआई (RBI) ने हाल ही में अपनी सालाना रिपोर्ट 2022-23 जारी की. इस रिपोर्ट के अनुसार देश में 20, 200 और 500 के नोट का चलन बढ़ा है लेकिन 10 और 50 रुपए के नोट का चलन घटा है. वहीं, 2 और 5 रुपए के सिक्कों का चलन भी कम हो रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2021 में 500 रुपए के कुल 3,86, 790 लाख नोट थे, जो 2023 में बढ़कर 5,16,338 लाख हो गए. वहीं वित्त वर्ष 2021 में 10 रुपए के 2,93,681 लाख नोट चलन में थे. 2023 में यह आंकड़ा घटकर 2,62, 123 लाख रह गया.
क्या है वजह?
देश में लगातार बढ़ रहे UPI के चलन का प्रभाव भी करंसी सर्कुलेशन पर पड़ रहा है. मई 2022 जारी एनपीसीआई के सर्कुलर के मुताबिक, देश भर में होने वाले कुल UPI ट्रांजैक्शन में 50 फीसद 200 रुपए और उससे कम वैल्यू के हैं. इस वजह से 200 रुपए से कम के नोट का सर्कुलेशन घट रहा है. वहीं, 200 रुपए का सर्कुलेशन हर साल बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2021 में 200 रुपए के 58,304 लाख के नोट सर्कुलेशन में थे, जो 2023 में बढ़कर 62,620 लाख हो गए.
हालांकि इससे बैंको को नुकसान हो रहा है. सरकार ने बैंकों को UPI ट्रांजैक्शन पर फीस वसूलने से रोक रखा है. RBI के के मुताबिक 800 रुपए की एक ट्रांजैक्शन पर 2 रुपए का खर्च आता है. चूंकि दूसरे पेमेंट सिस्टम की तरह ये खर्च ग्राहक से नहीं वसूला जाता है. इसलिए इस खर्च का बोझ बैंक उठाते हैं. इस बोझ को हल्का करने के लिए सरकार बैंकों को 1300 करोड़ रुपए की सब्सिडी देती है. अगर 10 लाख करोड़ की मासिक ट्रांजैक्शन पर 0.1 फीसद चार्ज वसूला जाए, तब भी यह खर्च 12 हजार करोड़ रुपए सालाना आता है.
महंगाई की ओर इशारा RBI की रिपोर्ट के अनुसार बीते तीन साल में 20 रुपए के नोट का सर्कुलेशन भी बढ़ा है. वित्त वर्ष 2021 में 20 रुपए के 90,579 लाख नोट चलन में थे. जबकि वित्त वर्ष 2023 में 1,25, 802 लाख रुपए सर्कुलेट हो रहे थे. ये आंकड़ा महंगाई की ओर भी इशारा करता है. बाजार में ज्यादातर चीजों की न्यूनतम कीमत 10 रुपए से बढ़कर 20 रुपए हो गई है. यह भी एक वजह हो सकती है कि 10 रुपए का सर्कुलेशन घट रहा है और 20 रुपए का बढ़ रहा है.
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