खरीफ दलहन की खेती घटने का असर मंडियों में खरीफ दालों के भाव पर दिखने लगा है. राजस्थान और कर्नाटक की मंडियों में नई फसल के मूंग की आवक की आवक शुरू हो गई है और मंडियों में नए मूंग के लिए जो भाव मिल रहा है वह अनुमान से बहुत ज्यादा है. सोमवार को कर्नाटक की गुलबर्गा कृषि उपज मंडी में मूंग का अधिकतम भाव 10500 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो एक महीने पहले 8200 रुपए प्रति क्विंटल था. यानी एक महीने में भाव 28 फीसद बढ़ गया है. सरकार ने इस साल मूंग के लिए 8558 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया हुआ है, और मूंग का भाव समर्थन मूल्य से भी करीब 23 फीसद अधिक है.
कृषि उपज मंडी में मूंग का थोक भाव 10500 रुपए पहुंचने की वजह से रिटेल बाजार में कीमतों में जोरदार उछाल आने की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल रिटेल बाजार में मूंग का भाव इतना ज्यादा नहीं बढ़ा है, लेकिन नई फसल के मूंग की कीमतें बढ़ने की वजह से रिटेल मार्केट में कीमतें आसमान पर पहुंच सकती है. सोमवार दिल्ली में मूंग दाल का भाव 115 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया जबकि देशभर में औसत भाव 111.24 रुपए रहा.
इस साल मूंग सहित सभी खरीफ दलहन की खेती पिछले साल के मुकाबले बहुत ज्यादा पिछड़ी हुई है और अधिकतर दलहन की खेती का समय पूरा भी हो गया है, ऐसे में खेती में रिकवरी की उम्मीद भी नहीं है, ऊपर से अगस्त के दौरान देशभर में बरसात की कमी की वजह से पहले लगी फसल की पैदावार घटने की भी आशंका है. 25 अगस्त तक देशभर में मूंग का रकबा 8 फीसद से ज्यादा पिछड़ा हुआ दर्ज किया गया है, देशभर में कुल खेती 30.64 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस दौरान देश में 33.34 लाख हेक्टेयर में मूंग की फसल दर्ज की गई थी. सिर्फ मूंग ही नहीं बल्कि सभी खरीफ दलहन का कुल रकबा पिछले साल के मुकाबले 8 फीसद से ज्यादा पिछड़ा हुआ है, 25 अगस्त तक 117.44 लाख हेक्टेयर में खेती दर्ज की गई है.
दलहन की खेती में कमी की वजह से दालों के महंगा होने की आशंका बढ़ गई है और दालों की महंगाई बढ़ने की वजह से रिटेल महंगाई में और बढ़ोतरी की आशंका है. पहले ही दालें और सब्जियां महंगी होने की वजह से जुलाई के दौरान रिटेल महंगाई दर 7.44 फीसद दर्ज की गई है.