आरबीआई लोकपाल (ORBIO) और केंद्रीकृत रसीद और प्रसंस्करण केंद्र (CRPC) को सालाना विभिन्न विभागों से मिलने वाली शिकायतों में इजाफा हुआ है. वित्त वर्ष 2022 में जहां 4,18,184 शिकायतें मिलीं, वहीं वित्त वर्ष 2023 में ये आंकड़ा बढ़कर 7,03,544 हो गई. कुल शिकायतों में करीब 68.24 फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिली है. कुल शिकायतों में सबसे ज्यादा मामले मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग से संबंधित थे.
लोकपाल योजना की रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों के साथ-साथ गैर-बैंक भुगतान प्रणाली प्रतिभागियों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की कुल संख्या में मोबाइल बैंकिंग से संबंधित शिकायतों का हिस्सा सबसे बड़ा था, जबकि एनबीएफसी में कामकाज से जुड़े नियमों का पालन न करने से संबंधित शिकायतें ज्यादा थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई का उपभोक्ता शिक्षा और संरक्षण विभाग, ग्राहक सेवा पर मौजूदा रिजर्व बैंक नियामक दिशानिर्देशों को अपडेट करेगा. साथ ही विभिन्न रेगुलेटेड इकाईयों पर लागू आंतरिक लोकपाल योजनाओं की समीक्षा और इंटीग्रेट करेगा. इसके अलावा सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए स्थानीय भाषाओं के लिए दो अतिरिक्त स्थानों पर एक रिज़र्व बैंक संपर्क केंद्र स्थापित किए जाने की योजना है.
लोकपाल योजना 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट, रिजर्व बैंक-एकीकृत लोकपाल योजना (RBIOS), 2021 (योजना) के तहत पहली स्टैंडअलोन रिपोर्ट है, जो आरबीआई लोकपाल (ORBIO) के 22 कार्यालयों की गतिविधियों के बारे में बताती है. आरबी-आईओएस 2021 के तहत रखरखाव योग्य शिकायतों में से अधिकांश (57.48 प्रतिशत) का समाधान आपसी समझौते, सुलह और मध्यस्थता के जरिए किया गया. बाकी रखरखाव योग्य शिकायतों को या तो आरबीआईओ ने खारिज कर दिया या शिकायतकर्ताओं की ओर से वापस ले लिया गया. ओआरबीआईओ में निपटाई गई शिकायतों का औसत टर्न-अराउंड टाइम (TAT) 2022-23 के दौरान 33 दिनों का था, जो 2021-22 के दौरान 44 दिनों का था.