मानसून ने उत्तर भारत में दस्तक दे दी है. मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि शुक्रवार को मानसून उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में पहुंच चुका है. साथ ही अधिकतर बिहार और झारखंड में मानसून की बरसात हो रही है, लेकिन मानसून सीजन में अब तक हुई बरसात को देखें तो अधिकतर राज्यों में सामान्य के मुकाबले कम बारिश है. अभी तक 10 राज्यों में अत्यधिक बारिश की कमी है जबकि 10 में सामान्य के मुकाबले कम बारिश हुई है. सिर्फ 8 राज्य ऐसे हैं जहां सामान्य बारिश हुई है और 8 राज्य ऐसे भी हैं जहां सामान्य से ज्यादा बरसात हुई है. कुल मिलाकर मानसून सीजन में 23 जून तक सामान्य के मुकाबले 31 फीसद कम बारिश दर्ज की गई है.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक मानसून ने आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के ज्यादातर हिस्से को कवर कर लिया है. मौसम विभाग ने अगले दो दिन में उत्तर प्रदेश के कुछ और इलाके, उत्तराखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से और छत्तीसगढ़ के कुछ और इलाकों में दक्षिण पश्चिम मानसून के पहुंचने की संभावना जताई है. महाराष्ट्र के कुछ और इलाके, कर्नाटक और तेलंगाना में अगले तीन से चार दिन में बारिश होने का अनुमान है.
खरीफ बुआई पिछड़ी
बारिश में कमी की वजह से देशभर में धान, तिलहन और कपास की बुआई पिछड़ गई है. आंकड़ों के मुताबिक धान का रकबा करीब 35 फीसद पिछड़ा हुआ है. वहीं कपास की खेती 14 फीसद पीछे चल रही है. तिलहन का रकबा पिछले साल के मुकाबले 3 फीसद पीछे चल रहा है. हालांकि दलहन और मोटे अनाज की बुआई पिछले साल से थोड़ी आगे चल रही है.
रबी सीजन में बुआई पर पड़ सकता है असर
मानसून की देरी की वजह से देश के जलाशयों में पानी का स्तर घटने लगा है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट कहती है कि इस साल जलाशयों में पानी का स्तर पिछले साल के मुकाबले करीब 8 फीसद कम है. पानी के स्तर में अगर सुधार नहीं हुआ तो भविष्य में इसकी वजह से पीने के पानी का संकट हो सकता है और साथ में आगे चलकर रबी सीजन की बुआई भी प्रभावित हो सकती है.