Monsoon 2023: भारी बारिश का कहर ऐसा बरपा है कि फसलों की बुआई को टालने तक की नौबत आ गई है. मौसम विभाग ने भारी बारिश को देखते हुए उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में धान की बुआई को टालने की सलाह दी है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश से सटे पंजाब और हरियाणा के जिलों में मक्का और खरीफ दलहन की बुआई को टालने की सलाह जारी की गई है. दूसरी ओर पंजाब के कपास उत्पादक क्षेत्रों में भारी बरसात के चलते कपास की फसल को भारी नुकसान की आशंका बढ़ गई है. बता दें कि देश में मानसून की बरसात का संतुलन बिगड़ा हुआ है जिसकी दोहरी मार खरीफ फसलों की खेती पर पड़ रही है. एक ओर उत्तर भारत में भारी बरसात की वजह से कई खरीफ फसलों पर मार पड़ने की आशंका है तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र में कम बरसात का असर गन्ने के उत्पादन पर पड़ सकता है.
दक्षिण के कुछ राज्यों में भी कम बरसात की वजह से फसल की यील्ड में कमी की आशंका है. बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के गंगीय इलाकों में भी कम बरसात की वजह से धान की खेती प्रभावित होने की आशंका है. बता दें कि देश के कुछ इलाकों में सामान्य से ज्यादा बारिश से फसल को नुकसान का खतरा है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां पर कम बरसात देखने को मिली है और वहां पर यील्ड में गिरावट की आशंका है. ऐसे में किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है और इसका खामियाजा आने वाले दिनों में महंगाई के रूप में लोगों को भुगतना पड़ सकता है.
कम बारिश से यील्ड पर असर मौसम विभाग के मुताबिक मानसून सीजन में अभी तक दक्षिण भारत के प्रमुख राज्यों आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल में बरसात कम दर्ज की गई है. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में क्रमश: 19 फीसद और 31 फीसद कम बारिश हुई है. कर्नाटक और केरल में क्रमश: 26 फीसद और 31 फीसद कम बरसात दर्ज की गई है. वहीं ओडिशा में भी मानसून की बरसात 26 फीसद कम हुई है. हालांकि तमिलनाडु में बारिश सामान्य से थोड़ा ज्यादा है लेकिन देर से हुई बारिश से वहां भी फसल को बहुत ज्यादा फायदा मिलने की संभावना कम ही लग रही है. दक्षिण के राज्यों में बरसात में कमी को देखते हुए किसानों को उनकी फसल की यील्ड पर खराब असर पड़ सकता है. दरअसल, मई के महीने में आंध्रप्रदेश में प्री मानसून की बारिश ने हल्दी, लाल मिर्च और मक्का की फसल को नुकसान पहुंचाया था. वहीं अब कम बारिश से इन फसलों की यील्ड में कमी की आशंका बढ़ गई है.
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