कोरोना काल में यात्रियों की कमी से जुझने वाला एविएशन सेक्टर अब यात्रियों की संख्या में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी को झेल रहा है. कोरोना से जुड़ी सारी पाबंदियां खत्म होने के बाद हवाई यात्रा करने वालों की भीड़ बढ़ गई है. सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर यात्रियों की लंबी कतारें दिख रही हैं, और यात्रियों को भी पहले के मुकाबले ज्यादा किराया भरने के साथ हवाई अड्डों पर बड़ी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है.
दिल्ली एयरपोर्ट की हालत सबसे ज्यादा खराब
सबसे ज्यादा खराब हालात दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा की है. इसके अलावा बेंगलुरू हवाईअड्डे पर डोमेस्टिक डिपार्चर के छोटे सिक्योरिटी चेक के कारण दिक्कतें हो रही हैं. नवरात्र में दुर्गापूजा के दौरान कोलकाता एयरपोर्ट पर अव्यवस्था का माहौल सुर्खियों में था. कोलकाता एयरपोर्ट पर व्यस्त दिनों में यात्रियों की संख्या बमुश्किल 40 हजार तक पहुंचती थी, लेकिन इस साल पूजा के दौरान आंकड़ा 50 हजार के भी पार निकला.
टूट गए पुराने सारे रिकार्ड
कोविड महामारी से पहले एक दिन में अधिकतम घरेलू हवाई यात्रियों का रिकॉर्ड 4.07 लाख हुआ करता था, लेकिन कोरोना खत्म होने के साथ यह रिकॉर्ड टूट गया है. बीते सोमवार यानी 05 दिसंबर को यह आंकड़ा 4.13 लाख के पार निकल गया. इससे पहले 26 नवंबर को 4.06 लाख और 27 नवंबर को 4.10 लाख लोगों ने घरेलू उड़ानों से यात्रा की थी.
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की भीड़ में भी बेतहाशा बढ़ोतरी
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की भीड़ में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल अक्टूबर में लगभग 22 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्रियों ने हवाई उड़ान भरी थी और इस साल अक्टूबर में यह आंकड़ा 47 लाख के पार पहुंच चुका है. अप्रैल से अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों का आंकड़ा देखें तो पिछले साल के मुकाबले 3 गुना से ज्यादा बढ़कर 3 करोड़ के पार हो गया है. पिछले साल संख्या 84 लाख थी.
यात्रियों की भीड़ बढ़ने के बाद अब सरकार ने किया ये काम
हवाई अड्डों पर यात्रियों की भीड़ बढ़ने से बने अव्यवस्था के माहौल ने अब जाकर सरकार की नींद खोली है. हाल ही में एविएशन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एयरपोर्ट मैनेजमेंट से जुड़े सभी पक्षों के साथ बैठक की और जल्द से जल्द व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश दिया. सरकार की तरफ से एयरपोर्ट की व्यवस्था को सुधारने के लिए कई उपाय भी सुझाए गए हैं. व्यस्त घंटों में उड़ानों के एराइवल और डिपारचर की व्यवस्था को अच्छे से प्लान करने के लिए कहा गया है, साथ में सिक्योरिटी चेक और इमिग्रेशन से जुड़ी व्यवस्था को सरल करने के लिए भी कहा गया है. लेकिन जबतक व्यवस्था ठीक नहीं होती तबतक ज्यादा किराया देने के बावजूद यात्रियों को हवाई अड्डों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.
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