आईटी सेक्टर में एक तरफ जहां लगातार हो रही छंटनी से युवा परेशान हैं तो वहीं एक और बुरी खबर सामने आई है. दरअसल इस वित्तीय वर्ष में आईटी नौकरियों की कमी हो सकती है. खासतौर पर फ्रेशर्स के लिए नई भर्ती की उम्मीद बहुत कम है. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 के लिए फ्रेशर हायरिंग तीन साल में सबसे कम होगी. इस साल आईटी में महज 1.55 लाख नए स्नातकों की भर्ती की उम्मीद है, जबकि एक बेहतर वर्ष में यह संख्या 3 लाख होती है.
वित्त वर्ष 2022 में, भारतीय आईटी क्षेत्र ने 3.9 लाख नए स्नातकों की भर्ती की, जो 2022 के इंजीनियरिंग वर्ग का लगभग 26% है. भर्ती में यह वृद्धि लॉकडाउन के दौरान हुई थी. आईटी सेक्टर ने सुरक्षित डिजिटल परिवर्तन से संबंधित सौदों को पूरा करने के लिए नई भर्तियां की थीं, हालांकि वित्त वर्ष 2023 में, नियुक्तियां घटकर 2.8 लाख रह गई हैं.
अमेरिका की मंदी का आईटी कंपनियों पर पड़ा असर
अमेरिका में संभावित मंदी का सीधा असर आईटी इंडस्ट्री पर पड़ा है. मौजूदा परियोजनाओं के रुकने और बिना किसी नई परियोजना के भारतीय आईटी क्षेत्र पिछले वर्षों के मुकाबले इस साल नए इंजीनियरों की भर्ती नहीं कर रहा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आईटी कंपनियां अब मौजूदा स्ट्रेंथ से काम लेने और कर्मचारियों की स्क्लि बढ़ाकर उन्हीं से दूसरे काम लेने पर विचार कर रही है, ये नई भर्तियों की संभावना को खत्म कर रहा है.
टॉप आईटी कंपनियां कम कर रहीं भर्तियां
टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी टॉप आईटी कंपनियां शुरू से ही बंपर नौकरियां निकालती रही है, लेकिन अब इस साल इंजीनियरों के लिए कम नौकरी निकल रही है. टीसीएस ने पहले ही नई भर्तियों को तीन महीने के लिए टाल दिया है. इसी तरह दूसरी कंपनियों ने भी नई भर्तियां कम कर दी हैं. रिपोर्ट के अनुसार इस साल शीर्ष पांच आईटी कंपनियों में स्नातक वर्ग के 10% से कम लोगों को भर्ती करने का अनुमान है.