कोरोना संक्रमण के दौर में शुरु हुए वर्क फ्रॉम होम का सिस्टम अब आईटी कंपनियों से भी विदाई ले रहा है। भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने काम करने का हाइब्रिड तरीका समाप्त कर दिया है. कंपनी ने कर्मचारियों को 1 अक्टूबर से सप्ताह में 5 दिन कार्यालय आने के लिए कहा है. बता दें कि हाइब्रिड तरीके में कर्मचारियों को सप्ताह में 2 या 3 दिन दफ्तर आना होता है. शेष दिन वे घर से ही काम करते हैं.
कंपनी ने अपने कर्मचारियों को भेजे ईमेल में सभी से दफ्तर आकर काम करने को कहा है. इस समय टीसीएस के कर्मचारी सप्ताह में तीन दिन कार्यालय आ रहे हैं. ईमेल में कंपनी ने कहा है कि सभी सहयोगियों के लिए 1 अक्टूबर 2023 से सभी कार्य दिवसों (यदि कोई छुट्टियां नहीं हैं तो प्रति सप्ताह 5 दिन) पर कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य है.
उद्योग के जानकारों के अनुसार कंपनी का यह फैसला आश्चर्यजनक नहीं है. टीसीएस पिछले कुछ समय से कार्यालय से काम करने के मॉडल पर जोर दे रही है. वित्त वर्ष 2023 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में, कंपनी ने कर्मचारियों के बीच संपर्क के महत्व पर जोर दिया था. कंपनी ने बताया कि टीसीएस के कुल कार्यबल में से आधे कर्मचारियों की भर्ती मार्च 2020 के बाद हुई है. ये कर्मचारी शुरुआत से ही वर्क फ्रॉम होम और हाइब्रिड सिस्टम में काम कर रहे हैं.
बता दें कि, कोरोना महामारी के बाद की दुनिया भर में, खासतौर पर कॉर्पोरेट जगत वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देने या कर्मचारियों को कार्यालय में वापस बुलाने के बीच सतर्क रास्ता अपना रहा है. जैसे-जैसे बाज़ार में वर्क फ्रॉम होम नौकरियाँ बढ़ीं, कर्मचारी किसी अन्य कंपनी में WFH नौकरी के बदले एक कंपनी छोड़ने का निर्णय भी ले रहे हैं.
कंपनियों का अपने कर्मचारियों को वापस कार्यालय बुलाने के पीछे एक प्रमुख कारण मून लाइटिंग भी है. मून लाइटिंग का मतलब एक कंपनी में काम करते हुए दूसरी कंपनियों में अपनी सेवाएं देना होता है. आईटी क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में मून लाइटिंग की कई घटनाएं सामने आई हैं. जिसके कारण आईटी कंपनियां का एचआर विभाग काफी सतर्क हो गया है.