नई नियुक्तियों की गति धीमे होने और छंटनी का दौर जारी रहने के चलते देश की सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र (IT Industry) की हालत खराब हो गई है. देश की टॉप IT कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या में लगातार चौथी तिमाही में गिरावट आई है. स्टाफिंग फर्म एक्सफेनो की ओर से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार शीर्ष आठ आईटी कंपनियों में कुल कर्मचारियों की संख्या 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही में पिछले तीन महीनों की तुलना में 17,534 कम हो गई है.
डेटा के अनुसार एक साल पहले की तुलना में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएलटेक, एलटीआई माइंडट्री, एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज, टेक महिंद्रा और कॉग्निजेंट जैसी दिग्गज कंपनियों की कर्मचारियों की संख्या करीब 75,000 कम हो गई, जो कम से कम छह वर्षों में सबसे तेज गिरावट है. एक्सफेनो के सह-संस्थापक कमल कारंत का कहना है कि आठ कंपनियों के इस समूह में कुल कर्मचारियों की संख्या घटकर लगभग उतनी हो गई है, जितनी करीब 2022 से पहले थी. दिसंबर के अंत तक, इन कंपनियों ने महज 2 मिलियन से कम लोगों को रोजगार दिया है.
मांग में कमी ने बढ़ाई चिंता
भारत के आईटी क्षेत्र में लाखों इंजीनियरों को रोजगार मिलता है. वैश्विक स्तर पर डिजिटलीकरण और क्लाउड व्यवस्था के चलते 2021 के आसपास और 2022 की शुरुआत में आईटी सेक्टर में मांग चरम पर थी. मगर अब डिमांड कम हो गई है जिससे नए रोजगार के अवसर नहीं बन पा रहे हैं. अमेरिका और यूरोप जैसे बाजारों में ग्राहक उच्च ब्याज दरों और महंगाई को लेकर चिंतित है. वहीं इज़राइल-हमास और रूस-यूक्रेन संघर्षों पर चिंताओं के बीच जरूरी खर्च को लेकर सतर्क हो गए हैं. 2021 में जरूरत से ज्यादा हायरिंग होने और बाद में मांग में मंदी का असर पिछली कुछ तिमाहियों में नई नियुक्तियों और कर्मचारियों की संख्या पर पड़ा है. इन कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या 2023 की जनवरी-मार्च तिमाही में गिरनी शुरू हुई. एक्सफेनो के जुटाए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही के दौरान कर्मचारियों की संख्या में 28,387 की कमी आई और सितंबर तक अगले तीन महीनों में 16,624 की कमी आई.
भविष्य में हालात सुधरने की उम्मीद
टेक इंडस्ट्री रिसर्च फर्म एवरेस्ट ग्रुप के पार्टनर युगल जोशी का कहना है कि ज्यादतर प्लेटफॉर्म विक्रेताओं और क्लाउड प्रोवाइडरों के हालिया वित्तीय परिणाम उत्साहजनक रहे हैं. इससे मांग में मदद मिलेगी और आईटी कंपनियां ज्यादा नियुक्तियां कर सकेंगे. साथ ही, हाल ही में बुनियादी भूमिकाओं के लिए 100% ऑफ शोर समर्थन के लिए ग्राहकों के अनुरोध में वृद्धि हुई है. ऐसे में एंट्री लेवल की प्रतिभा की अधिक मांग हो रही है. मंदी का सामना करने से पहले आईटी कंपनियां बहुत तेजी से नियुक्ति कर रही थी, लेकिन अब उन्होंने कैंपस प्लेसमेंट भी कम कर दिया है. मगर भविष्य में इसमें सुधार देखने को मिल सकता है.
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