बिजली की ज्यादा मांग के चलते सितंबर 2023 में भारत के कोयला आयात में वृद्धि होने की उम्मीद है. वित्तीय वर्ष 2024 की दूसरी छमाही तक 7 मिलियन टन कोयले की कमी का अनुमान है. लगातार बढ़ती मांग और कमी के अंतर को पूरा करने के लिए बिजली मंत्रालय को 4 प्रतिशत कोयला आयात करने का निर्देश देना पड़ा. आयातित कोयले को घरेलू स्टॉक के साथ मिलाकर संयंत्रों में इस्तेमाल किया जाएगा. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का कहना है कि DCB बिजली संयंत्रों को कोयले की कमी का सामना करना पड़ रहा है. गर्मी और उमस के कारण बिजली की मांग बढ़ गई है. जिसकी वजह से कोयले का आयात अगस्त 2023 के स्तर को पार कर सकता है. एनर्जी इंटेलिजेंस फर्म केप्लर के अनुसार, भारत का थर्मल कोयला आयात पिछले महीने 8.5 प्रतिशत बढ़कर 12.30 मिलियन टन हो गया] हालांकि सालाना आधार पर इन-बाउंड शिपमेंट 17 प्रतिशत कम था.
केप्लर के प्रमुख प्रमुख ड्राई बल्क विश्लेषक, एलेक्सिस एलेंडर ने एक मीडिया समूह को बताया कि सितंबर को देखते हुए, हमें उम्मीद है कि समुद्री थर्मल और मेटलर्जिकल कोयले के आयात की मजबूत मांग बनी रहेगी. 20 सितंबर तक भारत का 8.38 मिलियन टन थर्मल कोयला आयात अगस्त के कुल आयात को पार करने की राह पर है. बिजली संयंत्रों के कुल भंडार में लगभग 20 प्रतिशत की गिरावट आई है, आयातित कोयले पर चलने के लिए डिजाइन किए गए संयंत्रों के स्टॉक में 16 प्रतिशत की गिरावट आई है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर घरेलू कोयला उत्पादन में मजबूत वृद्धि जारी रहती है, तो इससे साल के आखिर में आयातित कोयले की मांग पर असर पड़ेगा.
कम हो रहा कोयले का भंडार
कोयले का भंडार कम हो रहा है. केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) के आंकड़ों से पता चलता है कि डीसीबी संयंत्रों में प्राप्ति और खपत के बीच का अंतर, जो आयातित कोयले का उपयोग करने के बाद आरक्षित कोयला भंडार से पूरा किया जाता था, 23 सितंबर तक 52.7 मिलियन टन कोयले की खपत की, जबकि उन्हें 46.1 मिलियन टन कोयला प्राप्त हुआ था. इन दोनों के बीच के अंतर को आयातित कोयले के माध्यम से पूरा किया गया. इसके जरिए 2.05 मिलियन टन की कमी पूरी की गई. वहीं आरक्षित कोयला भंडार से शेष 4.51 मिलियन टन का अंतर पूरा किया गया.
नेशनल पावर पोर्टल के डेटा के अनुसार 1 से 23 सितंबर के बीच डीसीबी संयंत्रों में स्टॉक 4.52 मिलियन टन कम हो गया है. 1 सितंबर को, डीसीबी संयंत्रों में कोयले का स्टॉक 27.59 मिलियन टन था, जबकि 23 सितंबर को ये घटकर 23.07 मिलियन टन रह गया. 1 से 25 सितंबर के बीच, दिन के दौरान भारत में अधिकतम बिजली की मांग औसतन 210.48 गीगावाट रही, जबकि कमी 1.46 गीगावॉट रही और उत्पादन आउटेज 42.42 गीगावॉट थी.
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