जॉब मार्केट में लगतार हो रही छंटनी और नई नौकरियों की कमी के चलते युवा वर्ग नए रोजगार की तलाश में हैं. उनकी इसी मजबूरी का फायदा साइबर ठग उठा रहे हैं. इन दिनों जॉब के नाम पर ठगी और धोखाधड़ी का मामला तेजी से बढ़ रहा है. हाल ही में कोच्चि में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें एक प्रतिष्ठित फर्म के नाम पर जालसाजों ने कई रिक्तियां निकाली. बाद में आवेदकों से भर्ती के नाम 3-3 लाख रुपए जमा करने को कहा. मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब पीड़ित वास्तविक भर्ती फर्म के वरिष्ठ अधिकारियों से मिले. यह तो महज बानगी है. देशभर में जॉब के नाम पर ठगी का धंधा चल रहा है.
कैसे करते हैं ठगी? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह ने असली कंपनी के लोगो का इस्तेमाल करते हुए नकली वेबसाइट बनाई. कंपनी वास्तविक लगे इसके लिए कोच्चि में एक कार्यालय स्थापित किया. इतना ही नहीं गिरोह ने दो दौर के साक्षात्कार भी आयोजित किए. साथ ही नकली लेटरहेड पर ऑफर लेटर जारी किए. बाद में चयनित उम्मीदवारों में से करीब 30 को एजेंसी शुल्क, वीजा आवेदन और अन्य चीजों के लिए 1 से 3 लाख रुपए तक भुगतान करने के लिए कहा था. उम्मीदवारों से लिया गया पैसा इकट्ठा हो जाने के बाद गिरोह के सदस्य फरार हो
ऐसे हुआ गिरोह का भंडाफोड़ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोच्चि घोटाला तब सामने आया जब पीडि़त उम्मीदवारों ने असली भर्ती कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात की. इस दौरान पाया गया कि असली फर्म का फर्जी एजेंसी या भर्ती से कोई संबंध नहीं है. इस सिलसिले में एक वित्तीय ऐप के मुख्य कार्यकारी को नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को धोखा देने के आरोप में बेंगलुरु में गिरफ्तार किया गया था. इस ऐप का नाम इंडियनमनी फ्रीडम है. उसके संस्थापक और सीईओ सीएस सुधीर को 22 पीड़ितों की ओर से मिले शिकायत के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
मेंबरशिप के नाम पर नौकरी का लालच आरोप है कि कंपनी के कर्मचारी पीड़ितों को 2,999 रुपए में इंडियनमनी ऐप की सदस्यता लेने के बदले उन्हें नौकरी का झांसा देते थे. वे उन्हें मेंबरशिप लेने के बदले 15,000 रुपए के मासिक पैकेज वाली टेम्पररी नौकरी देने का आश्वासन देते थे. चूंकि फर्जीवाड़ा करने वाले ऐसे गिरोह कई स्थापित प्लेटफार्मों पर वास्तविक भर्तीकर्ताओं के रूप में पंजीकृत हैं, जिसके चलते नौकरी की चाह रखने वालों तक उनकी पहुंच आसान हो जाती है.
क्या कहते हैं जानकार? जॉब के नाम धोखाधड़ी की ऐसी घटनाएं लगभग दोगुनी हो गई हैं. कुछ क्षेत्रों में छंटनी से स्थिति खराब हो गई है. जिसके चलते ऐसे गिरोह का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है. वहीं एक अन्य एक्सपर्ट का कहना है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही की तुलना में फरवरी और अप्रैल के बीच ऐसे मामलों में दोगुनी वृद्धि देखी गई है. जालसाज ज्यादातर जूनियर, नए लोग, नौकरी से निकाले गए लोग या विदेश जाने के इच्छुक लोगों को टारगेट करते हैं.
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