सरकार ने ऐलान किया है कि वह बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय पूल से अतिरिक्त 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल खुले बाजार में बेचेगी. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा है कि हाल में गेहूं और चावल की कीमतों में तीव्र बढ़ोतरी हुई है. सरकार ने 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन गेहूं खुला बाजार बिक्री योजना के तहत बेचने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि यह कुछ महीने पहले घोषित खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 15 लाख टन गेहूं और पांच लाख टन चावल की बिक्री के अलावा है. चोपड़ा का कहना है कि अभी तक 7 लाख टन गेहूं ओएमएसएस के तहत ई-नीलामी के जरिए बेचा गया है. चावल की बिक्री बहुत कम रही है.
बता दें कि मांग में बढ़ोतरी और सीमित सप्लाई की वजह से घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतें 6 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गई है. राजधानी दिल्ली में गेहूं का भाव 2,535 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गया है जो कि 6 महीने का सबसे ऊपरी स्तर है. गौरतलब है कि भारतीय खाद्य निगम यानी FCI ने सरकार से गेहूं के आयात पर इंपोर्ट ड्यूटी को पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है. बता दें कि पिछले हफ्ते शुक्रवार को खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा था कि सरकार गेहूं के इंपोर्ट पर ड्यूटी में कटौती या फिर उसे पूरी तरह से खत्म करने पर विचार कर रही है. दूसरी ओर प्रमुख चावल एक्सपोर्टर्स का कहना है कि खेतों में मौजूद धान की फसल को लेकर चिंताएं फिलहाल कम हो गई हैं, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगा प्रतिबंध लंबे समय तक नहीं रह पाएगा. बता दें कि बीते चार महीने में घरेलू बाजार में चावल की कीमतों में करीब 15 फीसद की बढ़ोतरी हो चुकी है.