व्यापार घाटा कम होने के साथ भारत का चालू खाते का घाटा (कैड) अप्रैल-जून तिमाही में घटकर करीब 10 अरब डॉलर रहने की संभावना है, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का एक फीसद होगा. एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है. इंडिया रेटिंग्स ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में व्यापार घाटा कम होने से चालू खाते के घाटे में गिरावट आने का अनुमान है. पिछले साल की समान तिमाही में यह 18 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 2.1 फीसद था.
दूसरी तिमाही में चालू खाता घाटा बढ़ने की आशंका
हालांकि, वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रेटिंग एजेंसी को चालू खाते का घाटा बढ़ने की आशंका है. आठ तिमाहियों के बाद पहली बार वस्तु निर्यात जुलाई-सितंबर तिमाही में 100 अरब डॉलर के नीचे आ सकता है. इस अवधि में आयात 163 अरब डॉलर रहने का अनुमान है जिसमें कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी की बड़ी भूमिका है.
ऐसी स्थिति में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में व्यापार घाटा 64 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में मांग नरम पड़ने से सेवाओं की मांग भी हल्की पड़ी है. इससे दूसरी तिमाही में सेवाओं का व्यापार अधिशेष 36 अरब डॉलर पर ही बने रहने का अनुमान है.
Published - August 28, 2023, 06:31 IST
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