सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के अधिग्रहण के लिए अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क ने पिछले साल 44 अरब डॉलर खर्च किए. इतना पैसा खर्च करने के बाद अब ट्विटर की पहचान नीले रंग की चिड़िया से हटाकर ब्लैक एंड व्हाइट क्रॉस या एक्स बना दिया. सोमवार तक ट्विटर की पहचान उसके नीले रंग की चिड़िया से होती थी और वही उसका ब्रांड था. लेकिन एलन मस्क ने एक झटके में उस ब्रांड को खत्म कर दिया. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि 44 अरब डॉलर खर्च करके मस्क ने ट्विटर के ब्रांड को क्यों खत्म किया?
मस्क के इस फैसले से ब्रांड वैल्यू को तगड़ा झटका लगा है. विश्लेषकों और ब्रांड एजेंसियों के अनुसार इससे ट्विटर के ब्रांड वैल्यू को करीब 4 अरब डॉलर से 20 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है. सीगल एंड गेल में ब्रांड संचार के निदेशक स्टीव सुसी का कहना है कि दुनियाभर में ट्विटर को अपनी साख बनाने में 15 से अधिक साल लग गए, ऐसे में ब्रांड नेम को अचानक बदलना कंपनी के लिए काफी नुकसानदायक है.
ज्यादातर विश्लेषक और ब्रांड एजेंसियां ने ट्विटर का नाम बदले जाने के मस्क के फैसले को उनकी एक बड़ी गलती बताया है. ब्रांड एजेंसी फेजर के संस्थापक टॉड इरविन ने कहा कि ट्विटर सबसे पॉपुलर सोशल मीडिया ब्रांडों में से एक है. इसका चिडि़या वाला लोगो इंस्टाग्राम और फेसबुक के साथ-साथ दुनिया भर में तमाम छोटे व्यवसायों और वेबसाइटों की शान बढ़ाता था. वहीं वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय में फाइनेंस के सहायक प्रोफेसर जोशुआ व्हाइट ने कहा कि ट्विटर की लोकप्रियता ने “ट्वीट” और “रीट्वीट” को आधुनिक संस्कृति का एक हिस्सा बना दिया है. इसका इस्तेमाल मशहूर हस्तियों, राजनेता और अन्य लोग जनता के साथ संवाद के लिए करते हैं. मगर ट्विटर का नाम एक्स किए जाने से कंपनी को उस सांस्कृतिक खिंचाव और भाषाई सहमति को नए सिरे से बनाने की जरूरत होगी.
ब्रांड फाइनेंस का अनुमान है कि मस्क के अधिग्रहण के बाद पिछले साल से ट्विटर अपने ब्रांड वैन्यू का 32% गंवा चुका है. इतना ही नहीं मस्क की ओर से अक्तूबर में ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद से कंपनी का विज्ञापन राजस्व 50% से ज्यादा घटा है. ब्रांड के धीरे-धीरे कमजोर पड़ने के साथ ही विज्ञापन देन वालों की संख्या कम हो गई है. ब्रांड वैल्यूएशन कंसल्टिंग फर्म ब्रांड फाइनेंस के मुताबिक, ट्विटर की ब्रांड वैल्यू करीब 4 अरब डॉलर आंकी गई है.
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