भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार काफी कोशिश कर रही है, जिसका असर इसकी बिक्री पर दिख रहा है. धीरे-धीरे लोगों में ईवी गाडि़यों का क्रेज बढ़ रहा है. यही वजह है कि 2023 में इलेक्ट्रिक गाडि़यों की बिक्री दोगुनी हो गई. इस साल भी बिक्री लगभग 66 फीसद बढ़ने की उम्मीद है. ये बात शोध फर्म काउंटरप्वाइंट ने अपनी एक रिपोर्ट में कही.
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक ईवी भारत के निजी वाहन बाजार का लगभग एक तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व कर सकता है. भारत का ईवी बाजार छोटे से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. बता दें 2023 में कुल कार बिक्री में इलेक्ट्रिक मॉडलों की हिस्सेदारी 2% थी, लेकिन सरकार 2030 तक इसका लक्ष्य 30% रख रही है.
निर्माताओं को मिल रही छूट
भारत सरकार ने पिछले महीने कुछ मॉडलों पर ईवी आयात टैक्स कम कर दिया है. अगर कार निर्माता कम से कम 500 मिलियन डॉलर का निवेश करने और तीन साल के भीतर घरेलू मैन्युफैक्चरिंग शुरू करते हैं तो उन्हें सरकारी छूट का लाभ मिलेगा. इस कदम को टेस्ला सहित विदेशी वाहन निर्माताओं के लिए एक बेहतर मौके के तौर पर देखा जा रहा है. एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक टेस्ला ने इस साल के अंत में भारत में निर्यात के लिए जर्मनी में अपने प्लांट में राइट-हैंड ड्राइव कारों का उत्पादन शुरू कर दिया है. वियतनामी वाहन निर्माता विनफास्ट ने भी देश में 2 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है और फरवरी में दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में एक कारखाने का निर्माण शुरू किया है.
बिक्री में ये कंपनियां रहीं आगे
काउंटरप्वाइंट की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल टाटा मोटर्स के पास देश के ईवी बाजार में दो-तिहाई से अधिक हिस्सा था, लेकिन बाद में वह महिंद्रा एंड महिंद्रा और चीनी वाहन निर्माता BYD से पिछड़ गया. महिंद्रा एंड महिंद्रा ने पिछले साल केवल एक मॉडल, ऑल-इलेक्ट्रिक एसयूवी XUV400 के साथ लगभग 2,500% की ईवी बिक्री वृद्धि दर्ज की. वहीं BYD ने भी पिछले साल दो मॉडल, e6 MPV और Atto 3 SUV के साथ देश में EV बिक्री में 1,500% से अधिक की वृद्धि दर्ज की.