देश के कई शहरों में फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोरोना वैक्सीन से ज्यादा जरूरी फ्लू शॉट हो गया है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन के चौथे डोज से ज्यादा जरूरी फ्लू के खिलाफ टीकाकरण अभियान चलाना है. दरअसल, कई शहरों में फ्लू के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. कोरोना वैक्सीन की चौथी डोज कोरोना वायरस से बचा सकती है या नहीं यह तय नहीं है, लेकिन ज्यादातर लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लिए हुए काफी समय बीत गया है. इसके अलावा भारत में केवल 220 मिलियन लोगों ने ही तीसरी खुराक ली है. कुछ अध्ययनों से पता चला है कि चौथी खुराक प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है, क्योंकि ज्यादातर लोगों की कोविड के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता अब कम हो गई होगी.
चौथा डोज कितना जरूरी? लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि चौथे डोज की ज्यादा जरूरत नहीं है. कोविड के मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है.पिछले 24 घंटों में भारत में कोविड के मामले घटकर 23 हो गए हैं. मार्च 2020 के बाद से एक दिन में आने वाली सबसे कम सक्रमण संख्या है. भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकॉग) के पूर्व प्रमुख और वायरस इवोल्यूशन पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष अनुराग अग्रवाल का कहना है कि फिलहाल कोविड वैक्सीन की एक और खुराक की कोई आवश्यकता नहीं है.
विशेषज्ञों का मानना है कि खासकर युवाओं के लिए बिना डॉक्टर के सलाह के एक और डोज की जरूरत नहीं है. कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष एनके अरोड़ा का कहना है कि कुल तीन खुराकें दी जा सकती हैं जबकि अभी अभी इसके अलावा, चौथे बूस्टर डोज की कोई आवश्यकता नहीं है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि फार्मा-कोविजिलेंस ने वैक्सीन प्रक्रियाओं की चेन पूरी हुए बिना कोविड के टीके बाजार में उतार दिए गए. इसके चलते वैक्सीन से होने वाले खतरों का अंदाजा नहीं लगाया जा सका.वहीं विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि ओमीक्रॉन पर पुराने टीके प्रभावी नहीं हो सकते हैं.हालांकि इस समय कुछ देश कोविड-19 से निपटने के लिए ऐसे वैक्सीन पर काम कर रहे हैं जो सभी वैरिएंट पर प्रभावी हो.
हालांकि भारत में विशेषज्ञ वैक्सीन रणनीति में बदलाव का समर्थन नहीं करते हैं. उनका कहना है कि ज्यादातर भारतीय पहले ही डेल्टा और ओमीक्रॉन से संक्रमित हो चुके हैं. इसलिए इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘हम मौजूदा रणनीति के साथ अच्छा काम कर रहे हैं और इसलिए टीकाकरण कार्यक्रम में बदलाव करने की कोई जरूरत नहीं है.’
फ्लू का टीका जरूरी फ्लू के मामले कई शहरों में तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए फ्लू शॉट्स पर विचार किया जा सकता है.विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को वार्षिक फ्लू का टीका लगवाने की सलाह दी जानी चाहिए.उत्तर भारत फ्लू में प्रकोप ज्यादा दिख रहा है. उत्तर भारत में फ्लू वैक्सीन लेने का अच्छा समय अगस्त और सितम्बर है. एक खास फ्लू टीका इन्फ्लूएंजा ए और इन्फ्लूएंजा बी से सुरक्षा देता है.
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