महंगाई के मोर्चे पर भारतीय परिवारों का रुख आशावादी नजर आ रहा है. इसके अलावा रोजगार के भी अवसर मिलेंगे जिससे कमाई बढ़ने की संभावना है. ये बात भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से 5 अप्रैल को जारी किए गए द्विमासिक सर्वेक्षण में सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में कोविड महामारी के बाद से भारत में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. मौजूदा हालात के लिए कंज्यूमर कॉन्फिडेंस लगातार सुधार की राह पर है.
आरबीआई का ये सर्वे 2-11 मार्च, 2024 के दौरान आयोजित किया गया था, जिसमें 6,083 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया था. इसमें महिला उत्तरदाताओं की संख्या 50.8 प्रतिशत थी. सर्वे में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति सूचकांक (सीएसआई) 3.4 अंक बढ़कर 98.5 हो गया है, जो 2019 के मध्य के बाद से इसका उच्चतम स्तर है.
इसके अलावा फ्यूचर एक्सपेक्टेशन इंडेक्स सर्वेक्षण से पता चला है कि आगामी 12 महीनों के लिए कंज्यूमर सेंटीमेंट 2019 के मध्य के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर है, इसमें सुधार हुआ है.इसके अलावा सभी सीसीएस मापदंडों में उच्च आशावाद के कारण आने वाले वर्ष के लिए उपभोक्ता विश्वास में और सुधार हुआ है. एफईआई 2.1 अंक बढ़कर 125.2 हो गया है, जो 2019 के मध्य के बाद से इसका उच्चतम स्तर है.
रोजगार की स्थिति भी बेहतर
सर्वेक्षण में कहा गया है कि सामान्य आर्थिक स्थिति और रोजगार की संभावनाओं पर परिवारों की भावनाओं में सुधार हुआ है. वे अगले साल में भी तरक्की के लिए आशावादी है. आंकड़ों से यह भी पता चला है कि अक्टूबर-दिसंबर 2023 में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में क्षमता उपयोग पिछली तिमाही के 74% से बढ़कर 74.7% हो गया. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कैपिटल एक्सपेंडिचर साइकिल में तेजी के कारण निवेश गतिविधि लगातार बढ़ रही है. साथ ही बैंकों और कॉरपोरेट्स की बढ़ती उपयोग क्षमता के कारण आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकती है.