सरकार ने कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट के फ्री इंपोर्ट पर गुरुवार को प्रतिबंध लगाने का जो फैसला किया है, वह फैसला 6 महीने के लिए टल सकता है. देश में कंप्यूटर और लैपटॉप इंडस्ट्री ने सरकार के इस फैसले को सही नहीं ठहराया है और सरकार से मांग की है कि फिलहाल इस फैसले को टाल दिया जाए. रिपोर्ट में कहा गया है कि इंपोर्ट बैन पर फिलहाल रोक को लेकर इंडस्ट्री की मांग पर सरकार जल्द फैसला ले सकती है और 3-6 महीने के लिए इंपोर्ट बैन को टाला जा सकता है.
घरेलू स्तर पर कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इनके फ्री इंपोर्ट पर प्रतिबंध लगाया था, हालांकि लाइसेंस लेकर इंपोर्ट किया जा सकता है. भारत में कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट का अधिकतर इंपोर्ट चीन से होता है और चीन से बढ़ते इंपोर्ट की वजह से भारत का व्यापार घाटा बढ़ रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इन वस्तुओं के फ्री इंपोर्ट पर रोक लगाने का फैसला किया है.
वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान भारत में 5.33 अरब डॉलर के लैपटॉप और टैबलेट का इंपोर्ट हुआ जिनमें 4.1 अरब डॉलर का इंपोर्ट अकेले चीन से हुआ. इसी तरह पिछले साल देश में आयात हुए 1.36 अरब डॉलर के कंप्यूटर में 920 करोड़ डॉलर के कंप्यूटर का आयात चीन से हुआ है. सुपर कंप्यूटर और अन्य पर्सनल कंप्यूटर के मामले में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है.
सरकार के इस फैसले के बाद एप्पल और सैमसंग ने फिलहाल के लिए इंपोर्ट पर रोक लगा दी है. ये कंपनियां इंपोर्ट लाइसेंस मिलने के बाद ही इंपोर्ट करेंगी. उधर कई कारोबार सरकार के फैसले पर सफाई भी चाहते हैं. सरकार ने कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट के आयात पर रोक लगाने के लिए HSN कोड 8471 के तहत इंपोर्ट होने वाली वस्तुओं के आयात पर रोक लगाई है. और इस कोड के तहत कंप्यूटर, लैपटॉप तथा टैबलेट से जुड़ा अधिकतर सामान आता है.