चीन में पसरती आर्थिक सुस्ती को देखते हुए वहां की सरकार और केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था को संभालने के प्रयासों में जुट गए हैं. मंगलवार को चीन के केंद्रीय कर्ज और सस्ता कर दिया है. पीपुल्स बैंक ऑफ चायना ने मीडियम टर्म लेंडिंग फेसिलिटी दर यानी MLF में 15 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, इस कटौती के बाद चीन में MLF दर घटकर 2.5 फीसद हो गई है. इसके अलावा चीन के केंद्रीय बैंक ने शॉर्ट टर्म पॉलिसी दर में भी 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. बीते 3 महीने में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब चीन के केंद्रीय बैंक ने पॉलिसी दरों में कटौती की हो.
एक तरफ जहां दुनियाभर के केंद्रीय बैंक महंगाई के खिलाफ लड़ाई में कर्ज महंगा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ चीन में मांग घटती जा रही है और आर्थिक सुस्ती बढ़ने लगी है जिस वजह से चीन के केंद्रीय बैंक को कर्ज सस्ता करना पड़ रहा है.
हाल के दिनों में चीन से अर्थव्यवस्था को लेकर जितने भी आंकड़े सामने आए हैं उनमें आर्थिक सुस्ती गहराने के संकेत मिले हैं. जुलाई के दौरान चीन में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की ग्रोथ सिर्फ 3.7 फीसद दर्ज की गई है, जबकि अनुमान 4.3 फीसद था. जुलाई में चीन की रिटेल सेल ग्रोथ भी घटकर 2.5 फीसद रह गई है जबकि अनुमान 4 फीसद ग्रोथ का था. इससे पहले चीन में मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस पीएमआई में भी गिरावट देखने को मिली है.
मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को चीन की अर्थव्यवस्था की रीड माना जाता है, लेकिन जुलाई के दौरान दोनों ही मोर्चों पर चिंताई उभरी हैं. जुलाई के दौरान चीन से एक्सपोर्ट में 14.5 फीसद की भारी गिरावट आई है और घरेलू स्तर पर मांग घटने की वजह से इंपोर्ट भी 12.4 फीसद टूटा है. एक्सपोर्ट और इंपोर्ट में आई यह गिरावट अनुमान से बहुत ज्यादा है. चीन में महंगाई दर में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिस वजह से चीन डिफ्लेशन में फंसता नजर आ रहा है.