समय पर उड़ानों का संचालन करने में एयर इंडिया का प्रदर्शन कम हुआ है. सरकार के आंकड़े बताते हैं कि जून के दौरान एयर इंडिया की ऑन टाइम परफॉर्मेंस (OTT) घटकर 69.92 फीसद रही है जो मई के दौरान 83.27 फीसद हुआ करती थी. एक महीने में ऑनटाइम परफॉर्मेंस का 13 फीसद घटना किसी भी भारतीय एयरलाइन के लिए अब तक का सबसे खराब आंकड़ा है. हालांकि समय पर उड़ानों के संचालन के मामले में भारतीय एयरलाइन कंपनियों में सबसे खराब प्रदर्शन स्पाइस जेट का है. जून के दौरान स्पाइसजेट का ऑनटाइम परफॉर्मेंस 63.38 फीसद दर्ज किया गया है.
क्या है वजह?
एयर इंडिया के ओटीपी में सबसे ज्यादा गिरावट 11-15 जून के बीच देखने को मिली. उस दौरान इसका प्रदर्शन करीब 50 फीसद गिर गया. बताया जाता है कि विमान कंपनी की पुरानी क्रू रोस्टरिंग प्रणाली के कारण ऐसी स्थिति बनी, क्योंकि वे भारत के पश्चिमी तट पर आए बिपरजॉय चक्रवात के कारण खड़ी हुई समस्या का सामना नहीं कर सके. तूफान के चलते कंपनी के विमानों का संचालन समय से नहीं हो पाया जिससे मुश्किलें बढ़ गईं.
ऐसी स्थिति दोबारा न बने इसके लिए कंपनी के सीईओ और एमडी कैम्पबेल विल्सन ने 16 जून को कहा था कि विमानन कंपनी एक आधुनिक सॉफ्टवेयर में निवेश कर रही है, जिससे तुरंत फ्लाइट क्रू को तुरंत रिअसाइन किया जा सके और पैसेंजर्स भी ऐसी परेशानी में उड़ान के कैंसल होने पर जल्द ही दूसरी फ्लाइट बुक कर सकें. उम्मीद की जा रही है कि यह सॉफ्टवेयर साल 2024 की शुरुआत से पूरी तरह चालू हो जाएगा.
स्पाइसजेट सबसे निचले पायदान पर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऑन टाइम प्रदर्शन के मामले में सबसे निचले स्थान पर स्पाइसजेट रही. इसकी समय पर पाबंदगी मई महीने के 66.91 फीसदी से गिरकर जून में 63.38 फीसदी हो गई.