आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आने वाले 10 वर्षों में नौकरी के लिए खतरा पैदा कर सकता है. बहुत से लोग अभी इससे जुड़े जोखिमों को कम आंक रहे हैं, लेकिन एक दशक बाद 90 फीसदी व्यक्तियों की जॉब AI की वजह से छिन सकती है. मतलब हर 100 में से 90 लोग बेरोजगार हो सकते हैं. एआई से संबंधित घातक परिणाम को लेकर फिनटेक कंपनी क्रेड के संस्थापक और सीईओ कुणाल शाह ने गहरी चिंता जताई है.
मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में बोलते हुए शाह ने कहा कि बहुत से लोग एआई की तुलना चैटजीपीटी जैसी सरल चीज का इस्तेमाल कर रहे हैं. मगर भविष्य में ये लोगों की नौकरी के लिए खतरा बन सकता है. उन्होंने कहा कि इंसानों को कौशल विकसित करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है. साथ ही उन्हें विकसित होती टेक्नोलॉजी के साथ तालमेल बनाए रखने की चुनौती है. ऐसे में एआई का विकसित होना लोगों की जॉब छीन सकता है. हालांकि उन्होंने कहा कि मानव प्रतिभा और एआई प्रौद्योगिकी का सही से इस्तेमाल किया जाए तो ये कॉम्बिनेशन बहुत फायदेमंद हो सकता है.
शाह ने एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हुए कहा कि भारत में सॉफ्टवेयर और बीपीओ जैसी इंडस्ट्री से लेकर कॉल सेंटर्स तक विभिन्न जगह एआई-संचालित कंपनियां हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि हमें यूनिकॉर्न के गुणगान बंद करके, उन लोगों से हाथ मिलाना चाहिए जिससे देश को ज्यादा फायदा होगा. उन्होंने प्रोजेक्ट्स को समर्थन देने के लिए अपने रिव्यू पर जोर दिया और कहा कि उन्होंने लगभग 70 से 80 फिनटेक प्रोजेक्ट्स में निवेश किया है. शाह ने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले संस्थापकों के समुदाय को बढ़ावा देने से भारत नौकरी पैदा करने वाले देशों की लिस्ट में शामिल हो सकता है.