5 साल निवेश करके अमीर होने की उम्मीद करना बेमानीः समीर अरोड़ा

Zomato, Paytm, Policy Bazaar, Nykaa के IPO के बारे में अरोड़ा कहते हैं कि इनके साथ दिक्कत ये है कि इन्हें फाइनेंशियल इनवेस्टर्स बेच रहे हैं.


हेलियस कैपिटल (Helios Capital) के फाउंडर और फंड मैनेजर समीर अरोड़ा कहते हैं, “मैं उम्र से भले ही बूढ़ा हूं, लेकिन विचारों से बूढ़ा नहीं हूं.” मनी9 के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में समीर अरोड़ा ने कहा है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे आगे चलकर एक फंड मैनेजर बनेंगे. वे फाइनेंस को समझना चाहते थे और इस वजह से US के व्हार्टन स्कूल गए और इसके बाद अलायंस कैपिटल को चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर के तौर पर ज्वॉइन किया. वे कहते हैं, “मुझे अपनी जॉब और इनवेस्टिंग से वाकई प्यार है.”

सफलता की कुंजी

ये पूछे जाने पर कि क्या किसी एक निवेश ने उनकी जिंदगी बदल दी, अरोड़ा कहते हैं कि मेथडोलॉजी ने उन्हें मदद दी और किसी खास स्टॉक के परफॉर्मेंस को इसका श्रेय नहीं दिया जा सकता है.

उन्होंने कहा, “रुपये के टर्म में गुजरे 25 वर्षों में मार्केट 22 गुना चढ़ा है. जबकि मेरा NAV 300 गुना बढ़ा है.”

हालांकि, इनवेस्टर्स को इस बात पर गौर करना चाहिए कि सफल निवेशकों की भी गलत फैसले से पूंजी घट जाती है. वे कहते हैं कि उनके भी कई स्टॉक्स की वैल्यू जीरो हो चुकी है.

बड़ी गलतियां

अरोड़ा कहते हैं, “मैंने अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड (ABCL) में 1998-99 में पैसा लगाया था और हमने इसमें 10 लाख डॉलर लगाए थे. जब मैंने अलायंस छोड़ा तब इसकी वैल्यू जीरो हो चुकी थी.”

ऐसे कई स्टॉक्स हैं जिनमें उनकी पूंजी 80-90 फीसदी खत्म हो चुकी है.

वॉरेन बफेट से असहमति

अरोड़ा कहते हैं कि उन्होंने एक प्रेजेंटेशन बनाया था कि किस तरह से वॉरेन बफेट ने वैल्यू को खत्म कर दिया है.

वे कहते हैं, “उनकी टॉप होल्डिंग्स, कोका-कोला, अमेरिकन एक्सप्रेस, वेल्स फारगो को देखिए और इनकी तुलना बर्कशायर हैथवे के पिछले 20 वर्षों के रिटर्न के साथ कीजिए. आपको पता चलेगा कि बर्कशायर हैथवे ने बेहतर प्रदर्शन किया है. इसका मतलब है कि बर्कशायर में इन होल्डिंग्स को हटाकर दूसरी चीजों ने ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है.”

वे कहते हैं, “किसी स्टॉक को हमेशा रखना जरूरी नहीं है. इनवेस्टर्स को इन्हें लंबे वक्त तक होल्ड करना चाहिए, लेकिन इसकी सबसे अच्छी कीमत पर इसकी खरीदारी करनी जरूरी है.”

नए IPO पर बुलिश नहीं

Zomato, Paytm, Policy Bazaar और Nykaa जैसी नई पीढ़ी की टेक्नोलॉजी कंपनियों के IPO आने वाले हैं, ऐसे में क्या वे भी इन्हें लेकर उत्साहित हैं?

इस बारे में अरोड़ा कहते हैं, “इन नई कंपनियों के साथ दिक्कत ये है कि इन्हें फाइनेंशियल इनवेस्टर्स बेच रहे हैं. 1990 के दशक में मैंने जी (Zee) और कोटक बैंक जैसे IPO में 100 गुना रिटर्न कमाया, लेकिन उस वक्त ये कंपनियां बेहद शुरुआती स्टेज पर इश्यू लाई थीं. नई पीढ़ी के IPO पर फाइनेंशियल इनवेस्टर्स का कब्जा है जो आपको आसानी से अंदर नहीं आने देते. मुझे इन नए IPO में पहले जैसा रिटर्न मिलता नहीं दिख रहा है.”

वे कहते हैं, “अगर आज Paytm 25-30 अरब डॉलर पर आती है तो ये 5 गुना भी नहीं बढ़ सकती है. अगर ऐसा होता है ोत ये रिलायंस इंडस्ट्रीज से भी बड़ी हो जाएगी.”

पहली दफा निवेश कर रहे निवेशकों के लिए सलाह

अरोड़ा कहते हैं, “आप मार्केट्स में पैसा लगाकर अमीर नहीं हो सकते हैं. अगर आप इसमें पैसा कमाते भी हैं तो भी इसमें काफी वक्त लगता है.”

वे कहते हैं कि इनवेस्टर्स को सही एसेट क्लास में इनवेस्ट करने की कला समझना चाहिए. वे कहते हैं, “किसी सैलरीड शख्स के लिए 5 साल तक निवेश करके अमीर होने की उम्मीद करना बेमानी होगी.”

Published - July 10, 2021, 01:50 IST