बैंक से आपका रिश्ता कर्जदाता हो या बचतकर्ता का, आरबीआई (RBI) गर्वनर की बात आपको हर सूरत में कान लगाकर सुननी चाहिए. बीते हफ्ते रिजर्व बैंक गर्वनर शक्तिकांत दास ने बैंकों की कार्यप्रणाली के संबंध में तीन अहम टिप्पणियां कीं. इसमें पहली टिप्पणी है कि बैंकों के कारोबारी मॉडल और रणनीतियों की नजदीकी निगरानी केंद्रीय बैंक करेगा, उन्होंने स्पष्ट किया कि बैंक अपने कारोबारी फैसले ले सकते हैं.
लेकिन आरबीआई (RBI) ये जरूर देखेगा कि किस तरह कमजोरियां या जोखिम बन रहे हैं. ये निगरानी पहले की तरह अब वार्षिक नहीं है, बल्कि रियल टाइम है. आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि पीएमसी और एस बैंक जैसे मामले अभी बहुत पुराने नहीं हुए हैं. दोनों ही बैंकों ने मिलीभगत से कुछ कंपनियों को बहुत कर्ज दे दिए और अंत में डूबने की कगार पर पहुंच गए. अब अन्य बैंकों में ऐसी नौबत न आए इसलिए आरबीआई अपनी पैनी नजर रखेगा. रिजर्व बैंक गर्वनर की बैंकों की कार्यप्रणाली पर ये टिप्पणियां क्यों अहम हैं जानने के लिए ये वीडियो देखिए –