पिछले हफ्ते घरेलू शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिली, खासतौर पर बेंचमार्क इंडेक्स में. इसकी वजह विदेशी निवेशकों (FPI) द्वारा प्रॉफिट बुक करना रहा. पूरे जून में मार्केट एक सीमित रेंज में कंसॉलिडेट होता रहा. निफ्टी 300 प्वॉइंट के रेंज में झूलता रहा. निवेशकों के मन में प्रश्न है कि आगे क्या होगा? यहां से क्या मार्केट तेजी दिखाएगा या फिर गिरावट देखने को मिलेगी?
Money9 से बात करते हुए एवेंडस कैपिटल के CEO एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, “यहां से मार्केट उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है, क्योंकि यूएस फेडरल काफी आक्रमक नजर आ रहा है, जिसकी वजह से लोग बिकवाली के बारे में सोच सकते हैं. इससे ग्रोथ में कमी और इनफ्लेशन जैसी स्थिति बन सकती है.”
लोगों के खर्च पर काफी कुछ निर्भर
विदेशी बाजारों के बारे में उनका मानना है कि लोग जैसे ही काम पर लौटेंगे, देखने वाली बात होगी कि वे खर्च करते हैं या बचत. इसका असर इकनॉमिक ग्रोथ पर पड़ेगा. वह कहते हैं, अच्छी खबर है कि इनफ्लेशन में कमी आएगी, लेकिन ग्रोथ में भी गिरावट देखने को मिलेगी.
हॉलैंड के मुताबिक, “ग्रोथ या डिमांड के क्षेत्र में झटका देखने को मिल सकता है, जिनका असर अभी मार्केट पर नहीं पड़ा है. इसके बाद चर्चा इंफ्लेशन की जगह ग्रोथ पर होगी. अभी भी वैल्यूएशन बहुत ज्यादा है, हो सकता है कि पूरी दुनिया में बाजारों में गिरवाट देखने को मिले.”
क्या मार्केट में अभी रिस्क है?
घरेलू बाजार में बारे में उनका मानना है कि भले ही वैश्विक बाजार तेजी की ओर हैं, लेकिन यहां थकावट नजर आ रही है. उनका कहना है, “मार्केट में कई खतरे नजर आ रहे हैं. रीटेल निवेश उच्चतम स्तर तक पहुंच चुका है. देखा गया है कि जब बाजार में गिरावट आती है तो ये निवेशक सबसे पहले बाहर निकलते हैं. दूसरी वजह यह है कि मिड और स्मॉल कैप सेक्टर में वैल्यूएशन बहुत ज्यादा हो चुका है.”
वह आगे बताते हैं कि मार्केट कैप और जीडीपी का अनुपात चिंता का विषय है. यह 115 फीसदी होकर अपने पुराने औसत से ऊपर हो चुका है. आमतौर पर इस स्थिति में बाजार की चाल थम जाती है. इंडिकेटर्स गिरावट की ओर इशारा कर रहे हैं, भले ही यह छह महीनों में हो या फिर साल भर में.
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