भारत में महिलाओं का पैसे के साथ एक जटिल रिश्ता है. ज्यादातर परिवारों में धन प्रबंधन के मसलों पर सामाजिक मानदंडों का वजन दिखाई देता है. पैसों से जुड़े सारे अहम फैसले पुरुष ही लेते हैं. महिलाओं की इन मसलों में ज्यादा राय नहीं ली जाती है.
LXME की संस्थापक प्रीति राठी गुप्ता ने Money9 से बात की कि कैसे उनके फिनटेक स्टार्टअप का मकसद महिलाओं और पैसों से जुड़े फैसलों के बीच की खाई को पाटना है. ये महिलाओं के लिए एक एक्सपर्ट सपोर्टेड फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म है.
वे कहती हैं, “महिलाओं ने आज अपनी जरूरतों और जरूरतों के लिए बोलने की शक्ति का एहसास किया है, लेकिन एक जगह जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया है वह है खुद के वित्त का प्रबंधन करना और एक वित्तीय शक्ति होना जो निर्णय लेने में पूर्ण स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है कि आप कहां खर्च कर रहे हैं.”
उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं की वित्तीय जरूरतों में अंतर है और वित्तीय नियोजन के प्रति एक अलग दृष्टिकोण और मानसिकता है. मेरा मानना है कि महिलाओं के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी जरूरतों के हिसाब से योजना बनाकर और निवेश करके अपने पैसे को संभालें.