ELSS एक टैक्स सेविंग इक्विटी म्यूचुअल फंड है. इन फंडों का अधिकांश हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाता है. लॉक-इन अवधि तीन साल है और ऐसे फंड में निवेश धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख की सीमा तक कर-मुक्त है. ELSS एक ऐसा म्युचुअल फंड है, जहां टैक्स बचाने के साथ अच्छा रिटर्न भी हासिल किया जा सकता है.
सही ELSS फंड चुनने और उससे जुड़े अन्य पहलुओं को समझाने के लिए मनी9 हेल्पलाइन ने कंप्लीट सर्कल के संस्थापक क्षितिज महाजन को होस्ट किया. पेश हैं संपादित अंश:
टीना जैन कौशल: मैं ईएलएसएस में कितने रिटर्न की उम्मीद कर सकती हूं?
महाजन: लॉक-इन अवधि तीन वर्ष है लेकिन औसतन, हम लगभग 5 वर्ष मानते हैं। ELSS पांच वर्षों में कंपाउंडिंग पर 12-20% रिटर्न देगा, जो पीपीएफ, एनपीएस, आदि जैसे किसी अन्य कर-बचत निवेश विकल्पों की तुलना में अच्छा रिटर्न है. यहां तक कि सबसे कम प्रदर्शन करने वाला ELSS भी 12% का रिटर्न देता है. औसतन, ELSS 16-17% का रिटर्न देते हैं. जिस दर पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) बढ़ता है, वह ELSS से मिलने वाले रिटर्न के अनुरूप होगा.
आशीष दारजी: मिराए एसेट टैक्स सेवर या क्वांट टैक्स प्लान, कौन सा बेहतर है?
महाजन: आपको अपने लक्ष्यों के आधार पर और बाजार में ये उपकरण कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं, इन्हें ध्यान में रखकर फैसला करना चाहिए. क्वांट एक छोटे से कोष के साथ नया AMC है. इससे मिलने वाले रिटर्न का मूल्यांकन करने के बाद ही निवेश करना चाहिए. मेरे खुद के पोर्टफोलियो में मिराए, IDFC आदि का मिश्रण है.