Gold Exchange क्या है और यह कैसे काम करेगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि सेबी की मंजूरी पारदर्शी मूल्य खोज, निवेश तरलता और सोने की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त करती है.


सोने के लिए भारतीयों का प्रेम सब जानते हैं. भारत चीन के बाद दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. भारत हर साल लगभग 800-900 टन सोने का आयात करता है. भारत में पीढ़ियों से सोने को शुद्ध, शुभ, धार्मिक महत्व का और एक सुरक्षित संपत्ति माना जाता रहा है.
कमोडिटी के रूप में, सोने में डेरिवेटिव अनुबंध एक्सचेंजों पर ट्रेड के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन कीमती पीली धातु के लिए कोई हाजिर बाजार नहीं है, लेकिन अब सेबी की नवीनतम घोषणा के साथ, पूंजी बाजार नियामक ने स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज के लिए एक फ्रेमवर्क को मंजूरी दे दी है.

निवेशक ‘इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद’ नामक इंस्ट्रूमेंट्स में ट्रेड करने में सक्षम होंगे, जिसमें ट्रेडिंग, क्लियरिंग और सेटलमेंट के मामले में शेयरों या प्रतिभूतियों की सभी विशेषताएं होंगी. विशेषज्ञों का मानना है कि सेबी की मंजूरी पारदर्शी मूल्य खोज, निवेश तरलता और सोने की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त करती है. कुछ विश्लेषकों का मानना ​​है कि इससे पूरे भारत में सोने की एक समान दर लागू हो सकेगी.

वास्तव में, सोने में निवेश में वृद्धि की भी उम्मीद की जा सकती है, क्योंकि यहां उपभोक्ताओं को गुणवत्ता का आश्वासन मिल जाएगा. विस्तृत जानकारी के लिए देखिए वीडियो.

Published - October 4, 2021, 02:41 IST