ये कहानी दिलचस्प है. ये आपको वसीयत की अहमियत के बारे में बताती है. इस कहानी को सुनने के बाद आप शायद अपनी वसीयत को लेकर संजीदा हो सकते हैं. मुकेश अंबानी उत्तराधिकार या संपत्तियों के बंटवारे को लेकर आजकल दुनियाभर के तमाम माडल पर गौर कर रहे रहे. खबर तो आपको पता चल गई अब हम आपको बताते हैं कहानी मुकेश अंबानी के परिवार के सक्सेशन की. दरअसल धीरूभाई अंबानी की मौत साल 2002 में अचानक हो गई थी, उनका अरबों डालर का रिलांयस का कारोबार था, लेकिन वो कोई उत्तराधिकारी बनाए या वसीयत करे बगैर दुनिया को अलविदा कह गए थे.
बस इसके बाद से ही मुकेश और अनिल अंबानी एक ऐसे झगड़े में उलझ गए जिसे सुलझाने में देश के बड़े-बड़े दिग्गजों और साधू-संतों को लगना पड़ गया. इसके बाद भी झगड़े को सुलझाने में करीब तीन साल का वक्त लग गया. साल 2005 में ही घर में मुकेश और अनिल अंबानी की मां कोकिला बेन घर में सुख चैन की बहाली कर पाई. लेकिन इन सबमें उन्हें भारतीय इतिहास के सबसे बड़े बंटवारे का सामना करना पड़ा. अब वर्तमान में देखें तो मुकेश अंबानी इस कहानी को अपने परिवार में नहीं दोहराना चाहते हैं. इसी के चलते वो उत्तराधिकारी योजना या सक्सेशन प्लानिंग को वक्त रहते लागू कर देना चाहते हैं. मुकेश अंबानी की सक्सेशन प्लानिंग क्या है इसे जानने के लिए इस वीडियो पर क्लिक करें –