चर्चा यह है कि 5 फीसदी वाली जीएसटी (GST) दर को बढ़कर 7 फीसद और 18 फीसदी वाली दर को बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया जाएगा.
यह तो आपको पता ही है कि 5 फीसदी जीएसटी जरूरी वस्तुओं पर लगता है, जबकि अधिकतम सेवाएं और
वस्तुएं 18 फीसदी के दायरे में आती हैं. इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि पेट्रोल डीजल की कटौती से भले आपका बजट न संभला हो, लेकिन इसकी भरपाई सबके हिस्से में आएगी.
इस बढ़ोतरी से सरकार को 3 लाख करोड़ का रेवेन्यु मिलेगा. जो केंद्र और राज्य की सरकारों में आधा आधा बांटा जाएगा. इस कदम से केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर घटाई गई एक्साइज ड्युटी की भी भरपाई कर पाएगी साथ ही चुनाव में जाने से पहले लोककल्याण की योजनाओं खर्च करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
यह भी ध्यान रहे कि अगले साल जून से राज्य को मिलने वाला कम्पन्सेशन खत्म हो रहा है. ऐसे में सरकार यह अतिरिक्त संसाधन राज्यों को दे सकती है. आपको बता दें कि गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्य जीएसटी कम्पन्सेशन में सबसे बड़े हिस्सेदार हैं. ख्याल रहे अगर यह बढ़ोतरी होती है यह आपके बजट पर तत्काल असर डालेगी.