alternative investments: कोविड-19 के अनिश्चित दौर में ज्यादातर लोगों को पैसिव इनकम की अहमियत का पता चली है. इसकी वजह से इन्वेस्टमेंट्स की जरूरत भी बढ़ी है और लोगों ने एक डायवर्सिफाइडड और मजबूत फाइनेंशियल पोर्टफोलियो बनाने पर जोर देना शुरू किया है. गुजरे कुछ वर्षों में कई नए ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट ठिकाने उपलब्ध हुए हैं. इनमें REITs, पीयर-टू-पीयर लेंडिंग (P2P lending), क्रिप्टोकरेंसी जैसे निवेश ठिकाने शामिल हैं. इन से निवेशकों को ज्यादा रिटर्न भी मिला है. लेकिन, क्या आपको म्यूचुअल फंड्स या सीधे स्टॉक्स में पैसा लगाने की बजाय इनमें पैसा लगाना चाहिए? फिनसेफ की मृण अग्रवाल ने मनी9 से बात की और इन ऑल्टरनेटिव निवेश के जरियों के नफे-नुकसान के बारे में बताया.
उन्होंने कहा, “कोई भी निवेश करने से पहले, ये जरूरी है कि आप अपने जोखिम और निवेश की क्षमता को समझ लें. समझदारी भरे फैसलों के साथ एक बैलेंस्ड पोर्टफोलियो तैयार करने से आपको लंबे वक्त में पूंजी बनाने में मदद मिल सकती है.”
वे ये भी कहती हैं कि ऊंचा रिटर्न देने वाले हरेक निवेश ठिकाने में पैसा लगाने की सलाह नहीं दी जा सकती है. आपको ये जानकारी होनी चाहिए कि P2P लेंडिंग में काफी ज्यादा जोखिम है और इन्वेस्टर्स को इसमें पूरा पैसा तक गंवाना पड़ सकता है.
वे कहती हैं कि इसी तरह से क्रिप्टोकरेंसी भी रेगुलेटेड नहीं है और ऐसे में जब तक सरकार इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं कर देती, आपको इंतजार करना चाहिए.