Hybrid Fund म्यूचुअल फंड की एक ऐसी कैटेगरी है जो इक्विटी और डेट दोनों तरह के एसेट क्लास में निवेश करती है. एसेट एलोकेशन और डायवर्सिफिकेशन ये दो खूबियां एक साथ आपको हाइब्रिड फंड से मिलती है. स्कीम में इक्विटी और डेट की भागीदारी के आधार पर हाइब्रिड फंड एक दूसरे अलग होते हैं. एग्रेसिव हाइब्रिड फंड में 65 से 80 % निवेश इक्विटी में होता है और 20 से 25% निवेश डेट में किया जाता है. बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड में कुल एसेट का करीब 40 से 60 % इक्विटी या डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हें. तो वहीं बैलेंस्ड एडवांटेज फंड स्कीम में कुल निवेश का 100 % इक्विटी या डेट में निवेश रहता है . यह अपने निवेश का प्रबंधन डायनेमिक तरीके से करती है.
हाइब्रिड फंड कैसे रिस्क कम करता है ?
मिराई एसेट के CEO स्वरूप मोहंती के मुताबिक हाइब्रिड म्यूचुअल फंड नए निवेशकों के लिए एक अच्छा निवेश हैं क्योंकि एक ही फंड के जरिए इक्विटी और डेट दोनों में निवेश किया जा सकता है. इनमें दूसरे कैटेगिरी के मुकाबले रिस्क कम है क्योंकि इक्विटी और डेट दोनों में निवेश डायवर्सिफाई हो जाता है. अगर इक्विटी में रिटर्न बिगड़ता है तो डेट ओवरआल रिटर्न बैलेंस कर सकता है और डेट में मामला बिगड़ता है तो इक्विटी से मदद मिल जाती है. हाइब्रिड फंड ने रिटर्न भी बेहतर दिया है.
मिराई एसेट के CEO स्वरूप मोहंती से पूरी बातचीत आप इस वीडियो में देख सकते हैं-