फिक्स्ड डिपॉजिट्स (fixed deposits) में निवेश करना हमेशा से ही एक सुरक्षित जरिया माना जाता है. लेकिन, इसमें भी किसी दूसरे वित्तीय निवेश की तरह से जोखिम हैं. यहां हम आपको FD से जुड़े हुए 5 जोखिमों के बारे में बता रहे हैं.
डिफॉल्ट रिस्क
हालांकि, ये मुश्किल है, लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposits) में लगाया गया आपका पैसा भी डिफॉल्ट का शिकार हो सकता है. हालांकि, सरकार ने 5 लाख रुपये तक के बैंक जमा पर गारंटी दी है. लेकिन इसके ऊपर की रकम डिफॉल्ट के जोखिम में आ सकती है.
लिक्विडिटी रिस्क
आप अपने फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposits) को मैच्योरिटी तारीख से पहले भी तोड़ सकते हैं, लेकिन इसमें आपको पेनाल्टी देनी पड़ती है. 5 साल के टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposits) में आप वक्त से पहले पैसा नहीं निकाल सकते हैं.
इनफ्लेशन रिस्क
फिक्स्ड डिपॉजिट में रिटर्न मोटे तौर पर इनफ्लेशन रेट जैसा ही होता है या इससे थोड़ा ज्यादा होता है. लेकिन, कई दफा ये मौजूदा महंगाई दर से कम भी होता है. जब ऐसा होता है तब आपकी FD की नेट वैल्यू महंगाई को देखते हुए कुछ भी नहीं रह जाती है.
इंटरेस्ट रेट रिस्क
इंटरेस्ट रेट रिस्क तब पैदा होता है जब आप कम ब्याज दर वाली 5-साल की टैक्स सेविंग FD में पैसा लगाते हैं. इस दौरान अगर ब्याज दरें बढ़ती हैं तो आपको नुकसान होता है.
रीइनवेस्टमेंट रिस्क
गिरते इंटरेस्ट रेट माहौल में जल्द ही मैच्योर होने वाली FD से इनवेस्टर्स के लिए मुश्किल पैदा हो जाती है. इनके पास पैसे को दोबारा निवेश करने की उलझन पैदा हो जाती है.