स्टॉक मार्केट (Stock Market) में चल रहे बुल रन ने वैल्यूएशन को अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है. इससे डी-स्ट्रीट पर डर बढ़ गया है. बेंचमार्क सेंसेक्स ने जनवरी के बाद से अब तक 6 हजार अंक जोड़े हैं और बीते बुधवार को 56,000 के स्तर को भी छुआ है. कोविड के चलते मार्च वर्ष 2020 में शेयर बाजार (Stock Market) में 35% से अधिक की गिरावट आई. तब यह 118% से अधिक हो गया और जनवरी में 50,000 की वृद्धि के बाद, सेंसेक्स इस सप्ताह की शुरुआत में 56,000 का स्तर छुआ है.
वेंचुरा सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड विनीत बोलिंजकर के मुताबिक, “हम एक ऐसे बिंदु पर पहुंच सकते हैं जहां से बाज़ार एक महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया दे सकते हैं. हम अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी थोड़े सुधार की उम्मीद कर रहे हैं. इसलिए, वैश्विक स्तर पर नरमी को देखते हुए, मेरा मानना है कि इस स्तर पर निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो पर सख्त स्टॉप लॉस अपनाना चाहिए, क्योंकि मूल्यांकन बहुत अधिक है. ”
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वीपी – रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक, “वित्तीय इक्विटी बाजार की रीढ़ रही है. हालांकि, अगर आप हाल के दिनों को देखें, तो चीजें बहुत अधिक अस्थिर रही हैं. अतीत में भी विमुद्रीकरण और जीएसटी जैसे विभिन्न कारणों से एमएसएमई सेक्टर प्रभावित हुआ था. अब फिर से कोविड-प्रेरित लॉकडाउन के कारण, हमने देखा कि बैंकों में नुकसान बढ़ रहा है. अब कॉर्पोरेट पक्ष से रिटेल सेक्टर में में बदलाव आया है. ”
स्टॉक मार्केट (Stock Market) में चल रहे बुल रन ने वैल्यूएशन को अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है. इससे डी-स्ट्रीट पर डर बढ़ गया है. बेंचमार्क सेंसेक्स ने जनवरी के बाद से अब तक 6 हजार अंक जोड़े हैं और बीते बुधवार को 56,000 के स्तर को भी छुआ है. कोविड के चलते मार्च वर्ष 2020 में शेयर बाजार (Stock Market) में 35% से अधिक की गिरावट आई. तब यह 118% से अधिक हो गया और जनवरी में 50,000 की वृद्धि के बाद, सेंसेक्स इस सप्ताह की शुरुआत में 56,000 का स्तर छुआ है.
वेंचुरा सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड विनीत बोलिंजकर के मुताबिक, “हम एक ऐसे बिंदु पर पहुंच सकते हैं जहां से बाज़ार एक महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया दे सकते हैं. हम अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी थोड़े सुधार की उम्मीद कर रहे हैं. इसलिए, वैश्विक स्तर पर नरमी को देखते हुए, मेरा मानना है कि इस स्तर पर निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो पर सख्त स्टॉप लॉस अपनाना चाहिए, क्योंकि मूल्यांकन बहुत अधिक है. ”
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वीपी – रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक, “वित्तीय इक्विटी बाजार की रीढ़ रही है. हालांकि, अगर आप हाल के दिनों को देखें, तो चीजें बहुत अधिक अस्थिर रही हैं. अतीत में भी विमुद्रीकरण और जीएसटी जैसे विभिन्न कारणों से एमएसएमई सेक्टर प्रभावित हुआ था. अब फिर से कोविड-प्रेरित लॉकडाउन के कारण, हमने देखा कि बैंकों में नुकसान बढ़ रहा है. अब कॉर्पोरेट पक्ष से रिटेल सेक्टर में में बदलाव आया है. ”
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