भारत में लगातार कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. कोरोना के इन बढ़ते मामलों का असर शेयर बाजार (Share Market) पर भी हो रहा है.
हालांकि जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसकी तुलना में शेयर बाजार में गिरावट देखने को नहीं मिली है. निवेशकों का भरोसा बाजार पर बना हुआ है.
निवेशकों को बाजार (Share Market) से अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. अब कोरोना काल के बीच आने वाला समय शेयर बाजार (Share Market) के लिए कैसा रहेगा और कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बाजार में निवेशकों का कितना भरोसा है.
इन्हीं सब बातों को लेकर कोटक महिंद्रा एएमसी के एमडी नीलेश शाह ने मनी 9 के शो म्यूचुअल फंड मास्टर्स पर एक्सक्लूसिव बातचीत की.
देश में रोजाना कोरोना के मामले खतरनाक अनुपात में बढ़ रहे हैं. चिकित्सा उपकरणों की कमी और एक मजबूत हेल्थ सिस्टम के अभाव ने कोरोना 2.0 को और गंभीर बना दिया है.
इस मेडिकल इमरजेंसी का शेयर बाजारों पर क्या असर पड़ेगा?
इस बारे में नीलेश शाह ने कहा कि पिछले साल जब कोरोना की शुरुआत हुई थी और बाजार (Share Market) में गिरावट आई थी. इस बार उसके विपरीत बाजार (Share Market) ने खुद को अच्छी तरह से संभाल लिया है.
देश में जो टीकाकरण अभियान चल रहा है उससे भी निवेशकों को एक आशा की किरण दिखाई दे रही है. वैक्सीन ने बाजार को आशावादी बनाये रखा है. निवेशकों का मानना है कि यह स्थिति अस्थायी है.
पिछले साल के सबक और चल रहे टीकाकरण अभियान में विश्वास ने बाजारों को अपनी गति बनाए रखने में मदद की है.
अभी बाजारों में जो डर है, वो राष्ट्रीय तालाबंदी है, लेकिन केंद्र सरकार इस बार इस तरह के नतीजों से सावधान है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों को लॉकडाउन को अंतिम उपाय के रूप में देखने की सलाह दी. इससे भी निवेशकों का बाजार पर भरोसा बना हुआ है. शाह ने कहा कि बाजार को उम्मीद है कि राष्ट्रीय तालाबंदी से बचा जा सकेगा.
इस बीच, चल रहे बाजार सुधार का लाभ उठाते हुए, कई निवेशकों ने इक्विटी के माध्यम से अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने का फैसला किया.
शाह के मुताबिक, मार्च में इक्विटी का रुख पॉजिटिव हो गया था और चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद यह सब गति को बनाए रखने में सक्षम थे. इसमें सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIP) की वजह से निवेश काफी बढ़ गया है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।