कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने जहां देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर असर डाला है. वहीं अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ मेडिकल क्लेम में भी भारी बढ़ोतरी हुई है. इसके चलते कस्टमर्स की शिकायतें भी तेजी से बढ़ी हैं. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर भविष्य से जुड़े कई अहम सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर क्या स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम दरों को बढ़ाया जा सकता है? क्या कोविड ने बीमाकर्ताओं के मानदंडों को बदल दिया है? इसे लेकर फ्यूचर जनराली इंडिया इंश्योरेंस के सीओओ श्रीराज देशपांडे ने मनी9 को बताया कि कोरोना के अलावा अस्पतालों में भर्ती गैर कोविड मरीजों के क्लेम भी बढ़े हैं जिससे संभावना है कि प्रीमियम दरों में वृद्धि हो सकती है.
श्रीराज देशपांडे का कहना है कि तीन महीने के दौरान मेडिकल क्लेम पिछले साल की तुलना में कहीं अधिक हुए हैं. हालांकि पहले की तुलना में स्थिति काफी बदली है. हम अब संक्रमण कम होता देख रहे हैं और अस्पतालों में भी मरीजों में कमी आई है. बीमारी की गंभीरता कम होने से लोगों में पैनिक भी कम ही है.
हालांकि उनका कहना यह भी है कि कोविड के बाद गैर कोविड क्लेम की संख्या तेजी से बढ़ती भी देख रहे हैं. इसके चलते अस्पतालों ने भी अपने सामान्य शुल्कों में बढ़ोतरी कर दी है. अब हम मेडिकल क्लेम में वृद्धि देख रहे हैं क्योंकि इनका खर्च प्रीमियम स्तर से काफी अधिक है. यह उन बीमाकर्ताओं के लिए दोहरी मार है जो कोविड और गैर-कोविड क्लेम से पीड़ित हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल क्लेम की लागत में वृद्धि के साथ बीमा कंपनियों को प्रीमियम दरों में इजाफा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.