How does Air Pollution affect Finances: हर साल सर्दियों की आहट लोगों की मुश्किलें बढ़ा देती है. वजह ये है कि इस दौरान पूरे दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन और जहरीली हवा उनकी सांसों पर भारी पड़ने लगती है. ये धुंध न सिर्फ आंखों और सांस लेना मुश्किल बना देती है, बल्कि ये उनके बटुए का भी दम निकाल देती है. आप सोच रहे होंगे कि बटुए का धुंध से क्या लेनादेना है? हो सकता है कि आपने इस तरह से सोचा नहीं हो, लेकिन हवा में घुले ज़हर का सीधा असर आपके बटुए पर पड़ता है. ये सिर्फ हम नहीं कह रहे, स्टडीज भी यही कहती हैं.
जानिए क्या कहते हैं आंकड़े?
लेंसेंट में छपी दिसंबर 2020 की एक रिपोर्ट बताती है कि 2019 में भारत में 17 लाख लोगों की मौत जहरीली हवा की वजह से हुई जो कि देश में हुई कुल मौतों का 18% है. आर्थिक नजरिये से देखें तो हवा में घुले जहर से होने वाली मौतों और बीमारियों की वजह से 2019 में उत्पादन को हुआ नुकसान GDP का 1.4% था. रुपयों में अगर नापेंगे तो आप चौंक जाएंगे. ये रकम 2,60,000 करोड़ रुपये बैठती है.यानी देश को रोजाना 21,666 करोड़ रुपये का लॉस.
इसे ऐसे समझिए कि फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के बजट में हेल्थ के लिए करीब 65,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. इसके मुकाबले अकेले प्रदूषण की वजह से ही GDP को एक साल में करीब चार गुना ज्यादा का नुकसान हुआ है.